Suchnaji

50 ग्राम सोना और 39 माह के बकाया एरियर से ध्यान हटाने जबरन आती है बार कोड की बात…

50 ग्राम सोना और 39 माह के बकाया एरियर से ध्यान हटाने जबरन आती है बार कोड की बात…
  • बार कोड नहीं मैनपॉवर की जरूरत पर जोर। अधिकारियों का दो वर्ग और अलग-अलग सोच।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। बीएसपी वर्कर्स यूनियन की बैठक में आए भिलाई स्टील प्लांट के कर्मियों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन और प्रतिनिधि यूनियन संयंत्र कर्मियों के 39 महीने के एरियर को दिलाने की दिशा में नाकाम हो रही है। इसीलिए ध्यान भटकाने गेट में बार कोड लगाने जैसी बातें कर रही हैं, जिसका संयंत्र के उत्पादन और सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है।

AD DESCRIPTION RO No.:12652/205

ये खबर भी पढ़ें:  सद्गुरू कबीर स्मृति महोत्सव: Chhattisgarh के कण-कण में बसी है संत कबीर की वाणी, CM भूपेश बघेल सरकार देगी कबीर आश्रमों को 5-5 लाख

AD DESCRIPTION

अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता ने कहा कि कभी कैंटीन को बंद करवा कर, कभी बार कोड गेट में लगाकर संयंत्र प्रबंधक और प्रतिनिधि यूनियन कर्मियों को परेशान करने में लगी है, जिससे कर्मियों का ध्यान मूल मुद्दों से हटे। कर्मी को चाहिए 39 महीने का एरियर और 50 ग्राम सोना, जिसका चुनाव में किया गया था वादा। चुनाव में बड़ी-बड़ी बात कर सरकार का दावा करने वाले आज छुप गए हैं और संयंत्र का कर्मचारी उन्हें खोज रहा है।

ये खबर भी पढ़ें:   NJCS Sub-Committee Meeting 2023: ठेका श्रमिकों के वेतन समझौता में जोड़ें रात्रि, आवास, साइकिल और कैंटीन भत्ता

बैठक में यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता ने कहा कि संयंत्र का गेट पहले ही परेशानी का केंद्र है। छूटी के समय सीआईएसएफ (CISF) वाले मात्र एक गेट खोलकर गाड़ियों और कार की लंबी लाइन लगवाकर इस भीषण गर्मी में भी कर्मियों को गेट में परेशानिया झेलनी पड़ती है। अब यदि बार कोड लगाया गया तो कर्मियों को और भी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। और संयंत्र में औद्योगिक अशांति होगी, जिसके लिए प्रबंधन जिम्मेदार होगा।

ये खबर भी पढ़ें:  Bhilai में हाउस लीज का मामला गरमाया, 27 जून को बनेगी एक कमेटी, CM-BSP से होगी बातचीत

यूनियन के महासचिव खूबचंद वर्मा ने कहा कि संयंत्र में दो प्रकार के अधिकारी काम करते हैं। एक जो फील्ड में रात दिन मेहनत कर रहे है, उन्हे पता है कि संयंत्र में बार कोड नहीं, वरन मैनपवार की जरूरत है। परंतु अधिकारियों का एक तबका जो फील्ड से दूर एसी कमरों में बैठ कर योजनाएं बनाते हैं। वैसे अधिकारी ही इसी प्रकार के फिजूल की योजना बनाते हैं,जिससे संयंत्र में काम करने वाले कर्मियों को काम में और ज्यादा परेशानी होती है। उन्हें इसी नाम पर कई बार सीआईएसएफ से अपमानित भी होना पड़ता है।

ये खबर भी पढ़ें: EPS 95 Higher Pension: 2014 से पहले रिटायर होने वालों को भी चाहिए उच्च पेंशन, सुप्रीम कोर्ट करेगा जुलाई में सुनवाई

यूनियन के उप महासचिव सुरेश सिंह ने बार कोड का विरोध करते हुए कहा कि ऐसी योजना जिससे संयंत्र के उत्पादन में कोई लाभ नहीं होता। उन योजनाओं के प्रति समय खराब करना संयंत्र से बईमानी होगा।

प्रतिनिधि मंडल में यूनियन के अध्यक्ष उज्जवल दत्ता, महासचिव खूबचंद वर्मा, कार्यकारी महासचिव शिवबहादुर सिंह, अतिरिक्त महासचिव दिलेश्वर राव, उपाध्यक्ष अमित बर्मन, सहायक महासचिव संदीप सिंह, वरिष्ठ सचिव मनोज डडसेना, विमल कांत पांडे, राजेश फिरंगी, नितिन कश्यप, लूमेश कुमार, कृष्णा मूर्ति, राजकुमार सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *