सूचनाजी न्यूज, दुर्ग। नौ सितंबर से लगातार हो रही बारिश के बाद दुर्ग में शिवनाथ नदी उफान पर चल रही है। नदी का जल स्तर काफी बढ़ चुका है, जिसके कारण आसपास जल भराव और बाढ़ के हालात निर्मित हो चुके है। लेकिन दुर्ग में बारिश से कहीं ज्यादा इस प्रमुख वजह से बाढ़ के हालात बन रहे है। जानें प्रमुख वजह। साथ ही शिवनाथ नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है।
दुर्ग जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि शिवनाथ नदी में दो लाख चार हजार तीन सौ 46 क्यूसेक जल प्रवाहित हो रहा है।
बीते नौ सितंबर की रात से हो रही काफी बारिश के चलते मोंगरा बैराज से एक 13 हजार 878 क्यूसेक, खट्टोला से 20 हजार 208 क्यूसेक, घुमरिया से 26 हजार 260 क्यूसेक और सूखा नाला से 44 हजार क्यूसेक पानी शिवनाथ छोड़ा गया हैं। इन सभी स्थानों से आने वाला जल प्रवाह शिवनाथ नदी में मिल रहा हैं। इसके कारण स्वरूप दुर्ग स्थित शिवनाथ नदी के महमरा एनीकट में पानी का लेवल 10 फीट तक ऊपर पहुंच चुका हैं। मंगलवार-बुधवार की रात शिवनाथ नदी के जल स्तर में और बढ़ोत्तरी हो गई।
दुर्ग स्थित शिवनाथ जल संसाधन मंडल के अधीक्षण अभियंता एस.के.पाण्डेय ने कहा कि दुर्ग की कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देश अनुसार शिवनाथ किनारे ग्रामों में मुनादी कराई जा रही हैं। साथ ही ग्रामीण जनों को भी नदी के आसपास नहीं जाने की हिदायत दी जा रही हैं। जल प्रवाह को ध्यान में रखते हुए जल संसाधन विभाग ने सभी रिलेटेड डिपार्टमेंट्स से समुचित व्यवस्थाएं किए जाने आग्रह किया हैं। डिपार्टमेंट के द्वारा जल प्रबंधन और सुरक्षा के तमाम जरूरी उपाय पहले से तय कर लिए गए है। ताकि किसी भी अकस्मात परिस्थिति से निपटा जा सकें।
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मौजूदा समय में शिवनाथ नदी से कुल दो लाख चार हजार तीन सौ 46 क्यूसेक जल प्रवाहित हो रहा हैं। अत्यंत बारिश के चलते तांदुला नहर से खरीफ सिंचाई के लिए दी जा रही जल प्रदाय को फिलहाल बन्द कर दिया गया हैं।
-देखिए, कहां-कितना जल भराव
मौजूदा समय में जल भराव की परिस्थिति तांदुला जलाशय में 83.49 फीसदी, गोंदली जलाशय में 60.27 फीसदी, खरखरा जलाशय में 104.38 फीसदी, खपरी जलाशय में 75.19 फीसदी और मरोदा टैंक में 41.58 फीसद जल भराव हैं।
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