बदलते मौसम से दुर्ग प्रशासन अलर्ट, बाढ़ से निपटने कंट्रोल रूम, राहत शिविरों की तैयारी शुरू

Durg administration on alert due to changing weather, control room set up to deal with floods, preparations for relief camps started
अनुविभागीय अधिकारियों, तहसीलदारों को निर्देश टीम तैयार करें और राहत शिविरों में पुनर्वास की पूर्ण तैयारी रखें।
  • संभावित आपदा से पहले सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी करने के निर्देश।
  • दुर्ग जिले में 1 जून से 24 घंटे सक्रिय रहेगा बाढ़ नियंत्रण कक्ष।
  • अपर कलेक्टर ने ली बाढ़ राहत एवं आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक।

सूचनजी न्यूज, दुर्ग। आगामी मानसून सत्र के दौरान संभावित भारी वर्षा और बाढ़ की आशंका को ध्यान में रखते हुए आज कलेक्टर सभाकक्ष में बाढ़ राहत एवं आपदा प्रबंधन को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

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बैठक की अध्यक्षता अपर कलेक्टर श्री विरेन्द्र सिंह ने की। बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों को बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्यों के लिए समय रहते पूरी तैयारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

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अपर कलेक्टर ने कहा कि इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है। ऐसे में सभी तहसीलों और नगरीय निकायों में कंट्रोल रूम की शीघ्र स्थापना की जाए और नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर उनकी सूचना जिला कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा। बाढ़ संभावित क्षेत्रों में अस्थायी राहत शिविर पहले से चिन्हित कर लिए जाएं और वहां भोजन, चिकित्सा, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था पूर्ण कर लेने को कहा।

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जिले में पिछले वर्ष दुर्ग और धमधा विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों तथा नगर निगम दुर्ग के कुछ हिस्से आंशिक रूप से प्रभावित हुए थे। प्रशासन द्वारा ग्रामवार राहत टीमों का गठन कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वासित किया गया था।

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इस वर्ष भी मानसून के दौरान आपदा से निपटने के लिए सभी अनुविभागीय अधिकारियों और तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है कि वे ग्राम स्तर पर टीम तैयार करें और राहत शिविरों में पुनर्वास की पूर्ण तैयारी रखें। अधिकारियों को आपदा प्रबंधन संबंधी अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ करने के निर्देश दिए गए हैं।

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बाढ़ नियंत्रण कक्ष 1 जून से 24 घंटे सक्रिय रहेगा- जिले में नियंत्रण व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए जिला कार्यालय में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं। जिला स्तरीय कंट्रोल रूम का दूरभाष नंबर 0788-2320601 है।

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यह कक्ष 1 जून 2025 से 31 अक्टूबर 2025 तक 24 घंटे कार्यरत रहेगा। जिला स्तर पर संयुक्त कलेक्टर लता युगल उर्वशा मोबाइल नंबर-9584322227, अधीक्षक भू-अभिलेख आदित्य कुंजाम 9981584877, तहसीलदार दुर्ग प्रफुल्ल कुमार गुप्ता 7049510326, तहसीलदार धमधा टी.एस.खरे 9131534309, तहसीलदार पाटन मीना साहू 9981283344 बाढ़ नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रहेगी।

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तहसील स्तर पर संबंधित तहसीलदार बाढ़ नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रहेंगे। जिला सेनानी होमगार्ड कंट्रोल रूम का दूरभाष नंबर 0788-2320121 और 0788-2320120 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

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वर्षामापी यंत्रों की जांच और निगरानी के निर्देश

बैठक में बाढ़ नियंत्रण की तैयारियों की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले के प्रत्येक विकासखंड में वर्षामापी यंत्र स्थापित हैं। अपर कलेक्टर ने सभी यंत्रों की कार्यप्रणाली की जांच करने को कहा ताकि वे सुचारू रूप से कार्य कर सके। यदि कोई यंत्र खराब है तो उसकी तत्काल मरम्मत कराने एवं वर्षा के आंकड़े समय पर दर्ज कर रिपोर्ट जिला कार्यालय को भेजने को कहा।

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अस्थाई राहत कैंप

जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी राहत केम्पों हेतु भवन चिन्हित कर उनमें आवश्यक व्यवस्था करने को कहा। प्रत्येक चिन्हित भवन का अग्रिम निरीक्षण कर प्रभारी अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। राहत व्यवस्था के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लेने को कहा।

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उन्होंने अनुविभागीय अधिकारियों को बाढ़ संभावित क्षेत्रों के लिए मछुआरों एवं छोटी नावों की सूची तैयार करने व नावों से संबंधित संपर्क नंबर भी नियंत्रण कक्ष में संधारित करने को कहा।

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उन्होंने बाढ़ से बचाव हेतु मोटर बोट, बांस, बल्ली, ड्रम तथा गोताखोरो की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। जिला सेनानी नगर सेना को बचाव सामग्री एवं मॉकड्रील कराने निर्देशित किया गया। जिला सेनानी ने बताया कि उनके पास समुचित संसाधन उपलब्ध है। जिले में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में क्षति होने की स्थिति में पर्याप्त बीज एवं खाद का भण्डारण सुनिश्चित करने के निर्देश कृषि विभाग को दिए।

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आवश्यक दवाई एवं मेडिकल टीम

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि आपदा प्रबंधन के संबंध में आवश्यक दवाई एवं मेडिकल टीम की व्यवस्था की जाए। जिले का कोई भी चिकित्सालय डॉक्टर विहिन नही रहे एवं जीवन रक्षक दवाईयां सभी चिकित्सालय में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे। साथ ही मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए कार्ययोजना बनाई जाए।
बिजली आपूर्ति सतत बनी रहे

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शिविरों में बिजली आपूर्ति सतत बनी रहे और वायरिंग सुव्यवस्थित हो। विद्युत बाधा से निपटने के लिए अग्रिम तैयारी पूरी करने को कहा। विद्युत तार एवं खम्भों के नजदीक लगे वृक्षों की छंटाई-कटाई का कार्य सुनिश्चित कराने के निर्देश नगर पालिक निगम, जनपद पंचायत सीईओ के अधिकारियों को दिए। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी दो मंजिला अथवा उससे अधिक ऊँचाई वाले शासकीय भवनों पर तड़ित चालक लगाए जाने की व्यवस्था संबंधित विभाग द्वारा सुनिश्चित की जाए। अपर कलेक्टर श्री सिंह ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि नदी के किनारे बसे लोगों को अभी से व्यवस्थित करने का कार्य कर लें जिससे बाढ़ के समय जन-धन की हानि से बचा जा सके।

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जिला प्रशासन के ये अधिकारी रहे मौजूद

बैठक में सीईओ जिला पंचायत बजरंग दुबे, नगर निगम आयुक्त दुर्ग सुमित अग्रवाल, नगर निगम आयुक्त रिसाली मोनिका शर्मा, चरोदा नगर निगम आयुक्त दशरथ राजपूत, एसडीएम सोनल डेविड, एसडीएम महेश राजपूत, डिप्टी कलेक्टर उत्तम ध्रुव, लवकेश, आदिवासी विकास सहायक आयुक्त हेमंत सिन्हा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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