Suchnaji

J&K Assembly Election : दस साल बाद पांच वर्ष के लिए हो रहे चुनाव, जम्मू-कश्मीर से बने दो नए प्रदेश, फिर भी राज्य में बढ़ गई विधानसभा की सीटें

J&K Assembly Election : दस साल बाद पांच वर्ष के लिए हो रहे चुनाव, जम्मू-कश्मीर से बने दो नए प्रदेश, फिर भी राज्य में बढ़ गई विधानसभा की सीटें

सूचनाजी न्यूज, रायपुर। जम्मू और कश्मीर (Jammu And Kashmir) में पूरे दस साल बाद विधानसभा के चुनाव कराए कराए जा रहे है। यहां तीन चरण की वोटिंग होगी। वोटिंग के बाद काउंटिंग होगी। काउंटिंग में यह स्पष्ट हो जाएगा कि जम्मू और कश्मीर (Jammu And Kashmir) की तख्ता पर अगले पांच साल तक कौन बैठेगा। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो भावी मुख्यमंत्री और सरकार अगले पांच साल प्रदेश सत्ता की बागडोर संभालेगी।

AD DESCRIPTION R.O. No.12945/84

ये खबर भी पढ़ें: Big News : सेंट्रल स्टील मिनिस्टर के साथ SAIL चेयरमैन पहुंचे भिलाई, प्लांट विजिट के बाद अफसरों से होगी चर्चा

AD DESCRIPTION

अब कुछ लोग यह पूछ रहे है कि पांच साल के लिए दस वर्ष बाद चुनाव क्यों कराए जा रहे है। तो आइए हम इसके बारे में विस्तार से बात करते है…
दरअसल जम्मू और कश्मीर में विशेष राज्य का दर्ज प्राप्त था। इसके अंतर्गत धारा-370 यहां लागू थी। इस धारा-370 को साल 2014 में केन्द्र सरकार ने हटा दिया। धारा 370 हटते ही प्रदेश से विशेष राज्य का दर्ज खत्म हो गया औ बाकी राज्यों की तरह सामान्य राज्य हो गया।

ये खबर भी पढ़ें: Big News : PCC प्रभारी ने ली छत्तीसगढ़ कांग्रेस की अहम बैठक, विधानसभा, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की बनी रणनीति

ऐसे में यहां स्थिति थोड़ी बिगड़ी। धारा 370 की चाहत रखने वाले राजनेताओं से लेकर कई एक्टिविस्ट व अन्य ने जमकर विरोध, धरना, प्रदर्शन और आंदोलन किए। अपने-अपने स्तर पर मुहिम चलाई गई। कई तर्क, वितर्क और कुतर्क के आधार पर धारा 370 का समर्थन किया गया। इसे गंभीरता से लागू करने की बात कही गई। सरकार ने ऐसे लोगों को नजरबंद कर दिया और जेल में डाल दिया था।

ये खबर भी पढ़ें: कॉमरेड सीताराम येचुरी को दी गई श्रद्धांजलि

वहीं बाद में सरकार ने जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर केन्द्र शासित राज्य बना दिया। जम्मू और कश्मीर को भी केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया गया। इसका भी विरोध हुआ। तो कुछ लोगों ने समर्थन भी किया। दोनों ही राज्य में उप राज्यपालों की नियुक्ति कर दी गई। उप राज्यपाल यानी राज्य के मुखिया। यहां के प्रशासक। ऐसे प्रशासन जिनके बाद राज्य सरकार से ज्यादा पॉवर होता है। क्योंकि केन्द्र शासित राज्य में केन्द्र के हिसाब से संचालन किया जाता है। जबकि राज्यपाल या उप राज्यपाल किसी भी राज्य में केन्द्र के प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त किए जाते है, जिन पर प्रदेश सरकार पर निगरानी से लेकर कई बड़ी जिम्मेदारियां होती है।

ये खबर भी पढ़ें: Big News : भिलाई में चला बुलडोजर, प्रशासन का बड़ा एक्शन, देखिए कहां हुई कार्रवाई

पहले अविभाजित जम्मू और कश्मीर में 87 विधानसभा सीटें थी। लद्दाख को अलग करने के बाद इस बार राज्य में 90 विधानसभा के लिए चुनाव कराए जा रहे है। असल में यहां सीटों की संख्या बढ़ा दी गई है।

ये खबर भी पढ़ें: हिंदी दिवस पर कल्याण कॉलेज में बड़ा कार्यक्रम, विद्यार्थी, शोधार्थी, प्राध्यापक, प्राचार्य, उप प्राचार्य और विभागाध्यक्षों ने बांधा समा

AD DESCRIPTION RO: 12822/ 117