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Rathyatra Mela अभी खत्म नहीं हुआ, जानिए ओडिसी नृत्य संग क्या-क्या हो रहा…

Rathyatra Mela अभी खत्म नहीं हुआ, जानिए ओडिसी नृत्य संग क्या-क्या हो रहा…
  • कलाकारों ने अपने विभिन्न प्रस्तुतियों से महाप्रभु श्री जगन्नाथ स्वामी जी को नृत्यांजलि अर्पित की।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। श्री जगन्नाथ समिति सेक्टर 4 के तत्वाधान में महाप्रभु श्री जगन्नाथ स्वामी की 54वीं रथयात्रा का 9 दिवसीय महोत्सव मनाया जा रहा है। इस कड़ी में गुंडीचा मंडप सेक्टर 10 में विराजमान महाप्रभु श्री जगन्नाथ स्वामी जी के भव्य पंडाल में प्रतिदिन विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।

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इस तारतम्य में ओडिसी नृत्य कला केंद्र के कलाकारों द्वारा बेहतरीन ओडिसी नृत्य की प्रस्तुतियां देकर दर्शकों की भरपूर तालियां बटोरी। कलाकारों ने अपने विभिन्न प्रस्तुतियों से महाप्रभु श्री जगन्नाथ स्वामी जी को नृत्यांजलि अर्पित की।

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इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूबीएस चौहान तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व नगर पुलिस अधीक्षक राकेश जोशी के साथ-साथ समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र सतपथी तथा महासचिव सत्यवान नायक भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस संगीत संध्या को सफलतापूर्वक आयोजित करने में जगन्नाथ समिति के पदाधिकारी त्रिनाथ साहू ‌तथा रंजन महापात्र ने विशेष योगदान दिया।

इन्होंने किया सम्मान
मुख्यअतिथि के रूप में उपस्थित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूबीएस चौहान तथा समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र सतपथी तथा महासचिव सत्यवान नायक ने 22 कलाकारों को प्रतीक चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित यूबी एस चौहान ने कलाकारों के बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बधाई दी।

विधायक देवेंद्र यादव, मनीष पांडेय और संगीता केतन शाह भी पहुंची

इससे पूर्व सेक्टर-10 गुण्डिचा मंडप में हर्षोल्लास से हेरा पंचमी मनाया गया। इस अवसर पर गुण्डिचा मंडप, सेक्टर-10 में सार्वजनिक भोग व अन्न प्रसाद का वितरण किया गया। जिसमें आठ हजार से अधिक भक्तों ने भोग ग्रहण किया। इस अवसर पर शहर के विधायक देवेंद्र यादव ने श्री जगन्नाथ स्वामी जी की पूजा अर्चना की। इसके अतिरिक्त मनीष पांडे तथा संगीता शाह ने गुंडीचा मंडप पहुंचकर महाप्रभु की पूजा अर्चना की।

रूठे लक्ष्मी को मनाया, रथ की बदली दिशा

विदित हो की रथयात्रा उत्सव का एक महत्वपूर्ण अवसर है हेरा पंचमी। इस दिन परम्परानुसार मां लक्ष्मी रुष्ट होकर श्री जगन्नाथ मंदिर, सेक्टर-4 से निकलकर गुण्डिचा मंडप सेक्टर-10 पहुंचती हैं, जहां देवी लक्ष्मी के अनुचर भगवान श्री जगन्नाथ के रथ को तोड़ते हैं तथा उनके पुजारी को रथ से बांध देते हैं। देवी लक्ष्मी भगवान श्री जगन्नाथ से पूछती है कि तीन दिन बोलकर गए थे,आज पांच दिन हो गए। आप मंदिर नहीं लौटे। आपने मुझे श्रीमंदिर में अकेला छोड़कर अपने भाई बलभद्र देव व बहन देवी सुभद्रा को लेकर मौसी के घर (गुण्डिचा मंडप) घुमने चले आए।

श्री जगन्नाथ जी व माता लक्ष्मी आपस मे संवाद करते हैं। वे रूठी लक्ष्मी को शीघ्र मंदिर लौटने का आश्वासन देकर मना लेते हैं। आज के ही दिन भगवान श्री जगन्नाथ जी के रथ की दिशा बदल कर वापस मंदिर की ओर कर दी गयी है। मां लक्ष्मी संतुष्ट होकर अपने अनुचरों को पुजारी को छोड़ने का आदेश देती है तथा माता लक्ष्मी वापस मंदिर लौट जाती हैं।

महिलाओं ने दिया योगदान

हेरा पंचमी का यह कार्यक्रम श्रद्धा एवं भक्ति के साथ सम्पन्न किया गया। श्रीमती मणिप्रभा स्वाईं ने लक्ष्मी जी के रूप हेरा पंचमी का कार्यक्रम संपन्न किया।इस हेरापंचमी कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के महिला सदस्यों सुजाता साहू, अनिमा स्वाईं, कादम्बिनी प्रधान, कुनी स्वाईं,सुनीता पात्रो,शैलबाला पात्रो,जमुना नाहक, रश्मि नायक, रीता स्वाईं, स्वाति बिस्वाल, झुनु महान्ति, संध्या महापात्र, अनुसूइया राउल, शिवांगी राऊल, प्रभावती महाराणा, रोजलिना प्रधान, ऋतुपर्णा राउल, नीलिमा पाड़ी, रीना दलाई आदि ने महत्वपूर्ण भागीदारी प्रदान की।

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