मानव तस्करी से बचीं 4 नेपाली लड़कियां, तस्कर को RPF ने भेजा जेल

  • रेलवे सुरक्षा बल ने रक्सौल में मानव तस्करी की कोशिश नाकाम की।
  • ऑपरेशन एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग (आहट) के तहत चार नाबालिग लड़कियों को बचाया।
  • रेलवे सुरक्षा बल-राजकीय रेलवे पुलिस-सशस्त्र सीमा बल-चाइल्डलाइन-एनजीओ की संयुक्‍त टीम का एक्शन।
  • सत्याग्रह एक्सप्रेस से नेपाली मूल की नाबालिग बच्चियों को बचाया।
  • तस्कर को गिरफ्तार कर प्राथमिकी दर्ज की गई
  • नौकरी और परिवार की मदद के झूठे वादे से लुभाए गए पीड़ितों को बचाकर बाल कल्याण अधिकारियों को सौंपा गया।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। रेलवे सुरक्षा बल-आरपीएफ (Railway Protection Force-RPF) ने बाल सुरक्षा और मानव तस्कर निरोधी प्रयासों के प्रति अडिग प्रतिबद्धता दर्शाते हुए त्वरित और समन्वित अभियान में, 13 मई 2025 की सुबह रक्सौल रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी के प्रयास विफल करते हुए चार नाबालिग लड़कियों को बचाया।

ये खबर भी पढ़ें: पढ़ाई संग करते रहे साइकिलिंग और खेलते रहे साइकिल पोलो, बोर्ड रिजल्ट 100%

रक्सौल पोस्ट पर रेलवे सुरक्षा बल-आरपीएफ ने समय से मिली खास सूचना पर रक्सौल राजकीय रेलवे पुलिस-जीआरपी, सशस्त्र सीमा बल-एसएसबी मानव तस्करी निरोधी इकाई, रेलवे चाइल्डलाइन-रक्सौल तथा गैर-सरकारी संगठन- प्रयास किशोर सहायता केंद्र के साथ मिलकर ट्रेन नंबर 15273 रक्सौल-आनंद विहार सत्याग्रह एक्सप्रेस रेलगाड़ी से 13 से 17 वर्ष आयु की चार लड़कियों को मानव तस्‍करों से बचाया।

ये खबर भी पढ़ें: Bokaro BAKS की मांग: SAIL अधिकारियों की करें छटनी, कर्मचारियों की भर्ती, ये है मैनपॉवर आंकड़े

प्रारंभिक जांच में पता चला कि इन नाबालिग लड़कियों को नौकरी के झूठे वादे और गोरखपुर में एक लापता रिश्तेदार को खोजने की मदद का झांसा देकर नेपाल से तस्करी कर लाया जा रहा था। इन बच्चियों के परिवारों को उनकी यात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। तस्करों द्वारा खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों से कमजोर और असुरक्षित लोगों को बरगलाने और उनके शोषण की यह एक आम कपटपूर्ण तरकीब है।

ये खबर भी पढ़ें: Bokaro Steel Plant: बोकारो टाउनशिप सेक्टर 2ए के ट्रांसफार्मर में भीषण आग, कार्मिकों की बढ़ी मुसीबत, हड़कंप

एजेंसियों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से लड़कियों के साथ मौजूद तस्कर को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया और नाबालिग किशोरियों को बाल संरक्षण अधिकारियों को सौंप दिया गया। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), किशोर न्याय (बाल देखभाल और संरक्षण) अधिनियम और बाल एवं किशोर श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 के प्रावधानों के तहत इस सिलसिले में जीआरपी रक्सौल में एक प्राथमिकी दर्ज की गई।

ये खबर भी पढ़ें: Employees Pension Scheme 1995: ईपीएस 95 पेंशनभोगियों में 2 तरह का गुस्सा, पढ़ें

रेलवे सुरक्षा बल महानिदेशक श्री मनोज यादव ने कहा कि यह मामला एक गंभीर ताकीद है कि मानव तस्करी हमारे समाज के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है लेकिन इसके विरूद्ध अडिग लड़ाई जारी है।

ये खबर भी पढ़ें: CG News: इसी साल से नए विधानसभा में नजर आएंगे छत्तीसगढ़ के विधायक, डेडलाइन तय

उन्‍होंने भारतीय रेलवे के प्रत्येक यात्री से सतर्कता बरतने का आग्रह किया और कहा कि उनकी सतर्कता किसी का जीवन बचा सकती है। लोगों को कुछ भी असामान्य या संदिग्ध लगने या दिखने पर तुरंत इसकी सूचना रेलवे हेल्‍पलाइन नंबर 139 पर देनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि उनकी यह पहल स्वतंत्रता और शोषण में अंतर ला सकती है।

ये खबर भी पढ़ें: कर्मचारी पेंशन योजना 1995:  जो लोग 10-20 ईपीएस 95 पेंशनर्स नहीं जुटा सकते, वही 27 राज्यों में चल रहे आंदोलन पर दाग रहे सवाल

मानव तस्‍करों से किशोरियों को बचाने का यह सफल अभियान एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग अभियान-आहट का हिस्सा है, जो रेलवे नेटवर्क में मानव तस्करी का सामना करने का आरपीएफ का प्रमुख अभियान है। राष्ट्रव्यापी अभियान के तौर पर आरंभ किए गए ऑपरेशन आहट से केवल 2024-25 में ही 874 बच्चों (50 लड़कियों और 824 किशोरों) सहित 929 पीड़ितों को बचाया गया और 274 तस्करों को गिरफ्तार किया गया।

ये खबर भी पढ़ें: बोकारो स्टील प्लांट में हड़ताल को लेकर बड़ी तैयारी, कर्मचारियों को देशद्रोही बनाने की बारी

प्रयासों को और तेज करने के लिए, भारतीय रेलवे ने अपने समूचे परिचालन तंत्र में मानव तस्करी निरोधी समर्पित इकाइयां स्थापित की हैं। उल्‍लेखनीय कदम के तौर पर रेलवे सुरक्षा बल ने 2024 में राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ औपचारिक सहयोग समझौता किया जिससे अंतर्गत अंतर-एजेंसी समन्वय और पीड़ितों को सहायता प्रदान करने के उपायों में बढोतरी हुई है।

ये खबर भी पढ़ें: मामा का वादा: अब कोई गरीब कच्चे मकान में नहीं रहेगा, सबके बनेंगे पक्के मकान, 51 हजार गृह प्रवेश

रेलवे सुरक्षा बल-आरपीएफ (Railway Protection Force-RPF) निरंतर सतर्कता, नीतिपूर्ण साझेदारी और सामुदायिक जागरूकता द्वारा रेलवे परिसरों को मानव तस्करी से मुक्‍त और सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है तथा असुरक्षित और कमजोर बच्चों की रक्षा करने और प्रत्येक बच्चे की गरिमा और सुरक्षा बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहा है।

ये खबर भी पढ़ें: कर्मचारी पेंशन योजना 1995: ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन आंदोलन की बदलिए रणनीति, आओ गरीब को मनाएं अमीर