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PSU की आधारशिला रखने वाले पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि मनाएगा BSP, गीता, कुरआन, बाइबिल और गुरुग्रंथ साहब का होगा पाठ

PSU की आधारशिला रखने वाले पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि मनाएगा BSP, गीता, कुरआन, बाइबिल और गुरुग्रंथ साहब का होगा पाठ
  • देश के सर्वश्रेष्ठ एकीकृत इस्पात संयंत्र, भारत का सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक एवं औद्योगिक तीर्थ कहे जाने वाले भिलाई इस्पात संयंत्र को स्थापित करने वाले तथा सार्वजनिक उपक्रम की आधारशिला रखने वाले नेहरू जी को याद करेंगे कार्मिक।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर 27 मई को सुबह 8.00 बजे भिलाई निवास के बहुउद्देशीय सभागार में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर सर्वधर्म सभा का आयोजन किया गया है।

इस श्रद्धांजलि सभा में आचार्य महेशचंद्र शर्मा द्वारा श्रीमद् भगवद् गीता का पाठ किया जाएगा, हाफिज अनवर कुरआन की आयतें पढ़ेंगे। महंगा सिंह द्वारा श्री गुरूग्रंथ साहिब और अर्पण तरूण द्वारा बाइबिल का पाठ किया जाएगा। इसके साथ ही परनराज भाटिया एवं कुमारी मेधा द्वारा भजन गायन प्रस्तुत किया जाएगा।

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देश के सर्वश्रेष्ठ एकीकृत इस्पात संयंत्र, भारत का सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक एवं औद्योगिक तीर्थ कहे जाने वाले भिलाई इस्पात संयंत्र को स्थापित करने वाले तथा सार्वजनिक उपक्रम की आधारशिला रखने वाले नेहरू जी आज भले ही हमारे बीच ना हों किन्तु उनके द्वारा भारत को औद्योगिक एवं आर्थिक दृढ़ता प्रदान करने के अनेक प्रयास हमें कभी भी उन्हें भूलने नहीं देंगे।

जवाहरलाल नेहरु, स्वाधीनता के बाद सार्वजनिक क्षेत्र में एकीकृत इस्पात संयंत्रों की स्थापना की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से महसूस करने वाले दूरदर्शी व्यक्ति थे। और इस पहल के अंतर्गत ही सोवियत संघ की मदद से भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना की गई। यह संयंत्र छत्तीसगढ़ को ही नही अपितु सम्पूर्ण भारत को नेहरू की तरफ से एक अनुपम देन है।

इसकी स्थापना के लिए 1955 में एक समझौता हुआ और द्वितीय पंचवर्षीय योजना के तहत इसकी स्थापना हुई। और अपने इस स्वप्न को साकार रूप से देखने जवाहर लाल नेहरु 3 बार भिलाई पहुंचे। यहां उन्होंने कहा था कि “भिलाई भारत का भविष्य है और इस सपने को साकार होते देखना अच्छा लगता है।”