
राष्ट्रीय स्तर पर एक नीति बनाकर ठेका श्रमिकों को सम्मानजनक वेतन एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए रूपरेखा बनाकर सरकार नीति बनवाने के लिए संघर्ष किया जाएगा।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीसगढ़ प्रदेश इंटक की 45वीं कार्यकारिणी की बैठक चांपा में हुई,जिसमें इंटक के राष्ट्रीय संगठन सचिव एवं प्रदेश इंटक के महासचिव संजय साहू ने बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम एवं निजी क्षेत्र के उपक्रमों में कार्य करने वाले ठेका श्रमिकों के हितों एवं सामाजिक सुरक्षा को बेहतर करने के लिए चर्चा की गई।
छत्तीसगढ़ में कोयला, स्टील, एल्युमिनियम, सीमेंट, पावर प्लांट एवं माइनिंग क्षेत्र में नियमित कर्मचारियों की भर्ती बहुत कम कर दी गई है। और उनके जगह पर आउटसोर्सिंग या ठेका प्रथा के तहत ठेका श्रमिकों की भर्ती की जा रही है। ठेका श्रमिकों से नियमित कर्मचारियों की भांति सभी कार्य कराई जा रही हैं। लेकिन उनको नियमित कर्मचारियों की भांति सुविधा एवं वेतन प्राप्त नहीं हो रही है।
ठेका कंपनी के द्वारा भी उनका शोषण किया जा रहा है और कंपनी अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के लिए उनको सुविधा एवं सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान नहीं कर रही है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में भी ठेका श्रमिकों को लिविंग वेज नहीं दिया जा रहा है, जबकि ठेका श्रमिक स्थाई प्रकृति का कार्य कर रहा है।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रीय स्तर पर ठेका श्रमिकों के भविष्य एवं उनके उत्पादन में योगदान को देखते हुए इंटक यूनियन जिस तरीके से 70 साल नियमित कर्मचारियों के लिए संघर्ष करते हुए बहुत सारी सुविधाएं दिलवाई है।
इसी तरह आने वाले समय में राष्ट्रीय स्तर पर एक नीति बनाकर ठेका श्रमिकों को सम्मानजनक वेतन एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए रूपरेखा बनाकर सरकार नीति बनवाने के लिए संघर्ष करेगी और श्रमिकों को जीने लायक वेतन का अधिकार दिलाया जाएगा।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय इंटक के महासचिव एवं प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय कुमार सिंह ने देश में एवं प्रदेश में कार्य कर रहे संगठित एवं असंगठित क्षेत्र कार्य कर रहे श्रमिकों के बेहतर भविष्य के लिए रूपरेखा बनाकर राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किया जाएगा, जिससे श्रमिकों के एवं उनके परिवार के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा आवास एवं कल्याण के लिए कार्य किए जाएंगे।
बैठक में भिलाई इंटक व ठेका यूनियन की ओर से संजय साहू, वंश बहादुर सिंह, पूरन वर्मा, सीपी वर्मा, दीनानाथ सिंह सार्वा, आर दिनेश, एसबी सिंह, सच्चिदानंद पांडेय आदि सम्मिलित हुए थे।