
- किसी कर्मी को 30 दिन के अवकाश पर रहने के लिए मात्र 26 दिन का अर्जित अवकाश (ईएल) लेना पड़ता है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल भिलाई स्टील प्लांट (SAIL – Bhilai Steel Plant) के कर्मचारियों के पॉकेट से जुड़ी खबर है। अर्न लीव को लेकर विवाद बना हुआ है। सीटू ने रूल्स डिपार्टमेंट के जीएम एच. शेखर से पूछा कि सिर्फ 26 ईएल भर कर एक महीने की छुट्टी ले सकते हैं कि नहीं?
इस पर चर्चा के दौरान प्रबंधन ने माना कि एक माह की छुट्टी लेते समय साप्ताहिक अवकाश को छोड़कर बाकी दोनों के लिए अर्जित अवकाश भरना होता है, जिसके एवज में एक महीने का मूल वेतन एवं महंगाई भत्ता दिया जाता है। अर्थात किसी कर्मी को 30 दिन के अवकाश पर रहने के लिए मात्र 26 दिन का अर्जित अवकाश (ईएल) लेना पड़ता है।
उन्हें साप्ताहिक अवकाश के दिन में अर्जित अवकाश लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसका तात्पर्य यह है कि 30 दिन के लिए छुट्टी पर रहने से सिर्फ 26 ईएल भरना होता है। साप्ताहिक अवकाश की छुट्टी देने की आवश्यकता नहीं होती है।
इसीलिए अर्जित अवकाश नगदीकरण के मामले में भी यही नियम अपनाया जाना चाहिए। इस पर महाप्रबंधक ने कहा कि इस पूरे मामले को अध्ययन कर उचित कदम उठाएंगे।
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सीटू ने दिया था 27 सितंबर 2024 को ईएल नकदीकरण गणना सुधार के संदर्भ में प्रबंधन को पत्र
सीटू ने अर्जित अवकाश नकदीकरण की वर्तमान गणना प्रणाली की ओर प्रबंधन का ध्यान आकर्षित करते हुए मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर कहा था कि वर्तमान गणना प्रणाली के अनुसार अर्जित अवकाश नगदीकरण हेतु अवकाश वेतन की गणना के लिए मासिक वेतन (मूल वेतन +महंगाई भत्ता) को 30 दिन का महीना मानकर 30 से विभाजित किया जाता है, जबकि 26 कार्य दिवस का महीना मानकर मासिक वेतन को 26 से विभाजित कर प्रतिदिन का वेतन निकालना चाहिए।
कर्मी जितने दिन का अर्जित अवकाश का नगदीकरण करवा रहे हैं, उससे निकाले गए प्रतिदिन का वेतन को गुणा करके प्राप्त राशि का भुगतान करना चाहिए।
26 दिन का महीना मानकर होती है गणना
सीटू ने कहा कि अर्जित अवकाश गणना के मामले में 26 दिन का माह मानते हुए, मासिक वेतन (मूल वेतन +महंगाई भत्ता) को 26 दिनों से विभाजित कर एक दिन का वेतन की गणना करना उचित है। क्योंकि ग्रेच्युटी के मामले में भी 26 कार्य दिवस का महीना मानकर 1 दिन के वेतन की गणना किया जाता है। उक्त गणना को सीटू के युवा साथियों ने अध्ययन कर प्रस्तुत किया है।
एक महीने के अर्जित अवकाश नगदीकरण में हो रहा है 6000 से 20000 का नुकसान
सीटू के महासचिव जेपी त्रिवेदी ने कहा कि एक माह के मासिक वेतन को मूल वेतन एवं महंगाई भत्ता अर्जित अवकाश नगदीकरण के रूप में लेने के लिए 30 दिन अर्जित अवकाश को बेचना पड़ता था, जबकि 26 अर्जित अवकाश लेने पर एक मासिक वेतन (एक माह का मूल वेतन एवं महंगाई भत्ता) प्राप्त हो सकता है।
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अर्थात हर बार नगदीकरण के समय एक मासिक वेतन लेने हेतु चार अतिरिक्त अर्जित अवकाश देना पड़ रहा है, जिससे कर्मियों को S1 ग्रेड से लेकर S11 ग्रेड तक 6000 से 20000 तक का नुकसान हो रहा है।
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