
- 5000 रुपये प्रति माह से कम पेंशन वाले व्यक्तियों के लिए ईपीएस पेंशन के साथ मिलकर वृद्धावस्था पेंशन का अनुरोध करना एक संभव विकल्प हो सकता है।
- वर्तमान में 33 साल के योगदान के बाद अधिकतम 7,500 रुपये पेंशन उपलब्ध है। इसलिए, प्रति माह 9,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन प्राप्त करने की बेहद संभावना है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। Employees Pension Scheme 1995: कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत न्यूतनम पेंशन 9 हजार रुपए की मांग भी की जा रही है। आखिर पेंशनर्स को इसको लेकर क्या उम्मीद है? इसी बात का जिक्र पेंशनभोगी Ramakrisha Pillai कर रहे हैं।
उनका कहना है कि इस मांग में एक ठोस आधार का अभाव है। एक अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण आवश्यक है। पेंशन योजना योगदान पर आधारित है, और व्यक्तिगत योगदान महत्वपूर्ण हैं। क्या कुल योगदान इस परिमाण की पेंशन को सही ठहरा सकता है?
वर्तमान में 33 साल के योगदान के बाद अधिकतम 7,500 रुपये पेंशन उपलब्ध है। इसलिए, प्रति माह 9,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन प्राप्त करने की बेहद संभावना है। 1,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन पर भी सरकार सब्सिडी देती है। सरकार पेंशन बढ़ाने के लिए अतिरिक्त सब्सिडी देने पर विचार कर सकती है।
सरकार को पिछले दस वर्षों में महंगाई और वेतन में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए पेंशन योग्य वेतन सीमा बढ़ाने पर भी विचार करना चाहिए। फिर भी, यह स्वीकार करना आवश्यक है कि यह पेंशन लाभार्थी के योगदान से स्व-वित्तपोषित है।
ये खबर भी पढ़ें: कर्मचारी पेंशन योजना 1995: ईपीएफओ, EPS 95 पेंशन और मोदी सरकार, आगे क्या?
पेंशन की परिभाषा के लिए एक शब्दकोष से परामर्श करने से स्पष्टता मिल सकती है। एक असंभव उद्देश्य का अनुसरण करना प्रतिउत्पादक है। 5000 रुपये प्रति माह से कम पेंशन वाले व्यक्तियों के लिए ईपीएस पेंशन के साथ मिलकर वृद्धावस्था पेंशन का अनुरोध करना एक संभव विकल्प हो सकता है। यह मेरी राय है, जो दूसरों के साथ संरेखित नहीं हो सकता है।