SAIL का अर्थतंत्र-बिजनेस संवारने हेड हार्डेन रेल पटरी की मांग CITU ने सोमा मंडल से की थी 2022 में, सेल बोर्ड की मुहर

CITU had demanded head hardened rail track to improve economy and business from SAIL Chairman Soma Mandal by 2022, SAIL Board approved it
मालगाड़ी अभी 50 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से दौड़ती है,जिसकी रफ्तार बढ़कर 100 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी।
  • भिलाई स्टील प्लांट की पूर्व मान्यता प्राप्त यूनियन सीटू ने कहा 28.10.2022 को तत्कालीन सेल अध्यक्ष सोमा मंडल को भिलाई में सौंपा था मांग पत्र।
  • लगभग 4 से 5 साल के अंदर भिलाई में नया यूनिवर्सल रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल दिखने की संभावना जाहिर की जा रही।
  • 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली यात्री गाड़ियां 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। कर्मचारी यूनियन सीटू (CITU) की बड़ी मांग पर सेल बोर्ड ने मुहर लगाई है। इससे न सिर्फ सेल का कारोबार बढ़ेगा। कर्मचारियों की उम्मीदों को भी पंख लग सकेगा। हेड हार्डेन रेल (Head Hardened Rail) की मांग सीटू ने सबसे पहले की थी। साल 2022 में आवाज उठाई थी। इसके बाद सेल प्रबंधन के साथ हर बैठक में मुद्दा उठाते रहने का असर दिखा है।

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सीटू के महासचिव जगन्नाथ प्रसाद त्रिवेदी ने बताया हेड हार्डेन रेल के बारे में सेल अध्यक्ष के साथ 28.10.2022 को हुए संयुक्त बैठक में सीटू ने सवाल उठाया था कि था हेड हार्डेन रेल के मामले में भिलाई इस्पात संयंत्र की क्या तैयारी है।

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ज्ञात हो कि भारतीय रेलवे ने यह स्पष्ट कर दिया था कि भविष्य में वे हेड हार्डेन रेल ही खरीदेगी। यदि भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel plant) के यूआरएम में उक्त रेल का निर्माण किया जाता है, तो उत्पादन एक तिहाई हो जाएगा। ऐसी परिस्थिति में भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel plant) को हेड हार्डेन रेल उत्पादन को ध्यान में रखते हुए विस्तार एवं आधुनिकीकरण करना होगा। प्रबंधन की ओर से यह जवाब दिया गया था कि यदि रेलवे से हमें आर्डर का आश्वासन मिले तो हम निश्चित रूप से इस दिशा में आगे बढ़ेंगे।

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सीटू हर मंच पर उठा रहा था हेड हार्डेन रेल का मुद्दा

सीटू के उपाध्यक्ष डीवीएस रेड्डी के मुताबिक भारतीय रेलवे द्वारा सेल प्रबंधन को लिखे पत्र का अध्ययन के पश्चात सीटू उच्च प्रबंधन के साथ होने वाले हर बैठक में हेड हार्डेन रेल बनाने के लिए आवश्यक तैयारी के संदर्भ में सवाल उठता रहा है।

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हाल ही में कार्यपालक निदेशक संकार्य एवं भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel plant) के डायरेक्टर इंचार्ज के साथ अप्रैल में हुई बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया था जिस पर दोनों अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि 29 अप्रैल को होने वाले सेल बोर्ड की बैठक में इस विषय पर सकारात्मक निर्णय लाने के पक्ष में कार्य कर रहे हैं। जल्द ही इसके नतीजे सामने आएंगे एवं उनके कहे अनुसार नतीजा सबके सामने है। लगभग 4 से 5 साल के अंदर भिलाई में नया यूनिवर्सल रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल दिखने लगेगा।

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नए यूनिवर्सल रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल के लिए सीटू ने दी बधाई

नए रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल भिलाई इस्पात संयंत्र को मिलने पर सीटू ने सेल प्रबंधन को धन्यवाद देते हुए भिलाई प्रबंधन एवं भिलाई इस्पात संयंत्र के श्रमिक बिरादरी को बधाई दी है, क्योंकि यह नया यूनिवर्सल रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल के भिलाई इस्पात संयंत्र को मिलने अथवा न मिलने की अटकलें तेज थी। इसी बीच नए यूनिवर्सल रेल एवं स्ट्रक्चरल मिल को भिलाई इस्पात संयंत्र में स्थापित करने के संबंध में स्टेज 1 अनुमोदन मिला है।

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भारतीय रेलवे के इतिहास में नया अध्याय जोड़ेगा हीट ट्रीटेड रेल

सीटू के सहायक महासचिव टी जोगा राव ने कहा कि हीट ट्रीटेड हेड हार्डेन रेल आने से भारतीय रेलवे की दिशा एवं दशा में आमूल चूल परिवर्तन आएगा। हीट ट्रीटेड रेल के आने से पटरी पर मालगाड़ी द्वारा वजन ले जाने की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगा।

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120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली यात्री गाड़ियां 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से इन पटरीयो पर दौड़ेगी। मालगाड़ी अभी 50 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से दौड़ती है,जिसकी रफ्तार बढ़कर 100 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगा। इन परिवर्तनों से भारतीय रेलवे में नई क्रांति आना तय है।

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दशको तक रहेगा भिलाई का भविष्य सुरक्षित

यूनिवर्सल रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल आने से भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel plant) का भविष्य तो सुरक्षित होगा। इसी के साथ संयंत्र का मुनाफा एवं उत्पादन की क्षमता में भी वृद्धि होगी, क्योंकि हीट ट्रीटेड रेल देश का भविष्य है और उसका निर्माण भिलाई इस्पात संयंत्र करने जा रहा है इसीलिए दशको को तक भिलाई का भविष्य सुरक्षित रहना तय है।

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