
- क्या हम और आप अपने दम पर ऐसा देश व्यापी आंदोलन खड़ा कर सकते हैं? शायद नहीं, पर आलोचना तो कर ही सकते हैं?
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। Employees Pension Scheme 1995: कर्मचारी पेंशन योजना 1995 आंदोलन को लेकर काफी निराशाजनक बातें लिखी जा रही है। पेंशनभोगी भड़ास निकाल रहे हैं। तरह-तरह की बातों से सोशल मीडिया पटा है। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए की मांग की जा रही है। ऐसे में पेंशनर्स क्या बोल रहे हैं, इसी पर आधारित यह खबर है।
पेंशनभोगी Hridya Nath Pandey बोलते हैं कि अब कोशिश बेकार है। छोड़ दीजिए और बुढ़ापे में आराम कीजिए, क्योंकि जबसे यह EPS 95 वालों का आंदोलन पेंशन बढ़ोतरी का चल रहा है, तब से उम्मीद में बैठे अनेक निराश वृद्धों के मौत कारण बना है।
एक पेंशनभोगी Anil Kumar Namdeo का मत है कि कमांडर अशोक राउत के बारे में बहुत से लोगों की नकारात्मक टिप्पणियां आजकल देखी जा रही हैं। 10 सालों से कोई लगातार पेंशनरों की मांगों को लेकर इनके अलावा क्या कोई ऐसा है किसी की नजर में जिसने इतने प्रयास किये हों?
दूसरे मंच के ऐसे कितने नेतृत्व हैं,जिन्होंने सरकार के किसी नुमाइंदों से बैठक ली हो। अब सरकार ही निःसहाय लोगों की ओर ध्यान नहीं दे रही हो तो क्या NAC के नेतृत्व पर सवाल उठाना वाजिब लगता है? मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूँ कि क्या हम और आप अपने दम पर ऐसा देश व्यापी आंदोलन खड़ा कर सकते हैं? शायद नहीं, पर आलोचना तो कर ही सकते हैं। कितना आसान है न?
कमेंट करने वालों में शामिल Suresh Sahasrabhojani का कहना है कि आलोचना करना असान है। कर्नल राउत जितनी मेहनत करते हैं और करी है, उतनी किसी भी संगठन ने नहीं की।
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विलास पेडनेकर बोले-जो लोग हमारे कमांडर अशोक राउत के खिलाफ गलत सोच रखते हैं, उनकी मानसिकता पर सवाल है। हम सभी सेना के लोग हमेशा से ही राष्ट्र की सेवा ईमानदारी से की है।
साई राम कुमार मेनन ने कहा-कमांडर अशोक एक बहादुर योद्धा हैं। वे हमारे पड़ोसी देश के सेना प्रमुख के रूप में भाग नहीं रहे हैं। हम अशोक जी को सलाम करते हैं। अपनी पूरी कोशिश करें सर, एक दिन हमें वह मिलेगा जो हमारे लिए किस्मत में है।
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