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Bhilai Steel Plant: 4 साल में 25% बढ़े रोड और वर्क एक्सीडेंट, जानें क्या है ब्लाइंड स्पॉट

Bhilai Steel Plant: 4 साल में 25% बढ़े रोड और वर्क एक्सीडेंट, जानें क्या है ब्लाइंड स्पॉट
  • ऑन रोड मूल्यांकन के लिए गैरेज से गाड़ी नहीं मिलने के कारण सीजीएम (पीएफ) राजीव पांडे ने अपनी कार ऑन रोड मूल्यांकन के लिए दिया।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel Plant) में सड़क हादसे रोकने का प्रयास किया जा रहा है। डिफेंसिव ड्राइविंग ट्रेनिंग का प्रोग्राम पूरे प्लांट के अंदर युद्धस्तर पर किया जा रहा है। कर्मचारियों और अधिकारियों को जागरूक किया जा रहा है।

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इसके तहत BSP पावर प्लांट जोन में डिफेंसिव ड्राइविंग का ट्रेनिंग प्रोग्राम पावर प्लांट- 1 के सभागार में हुआ। PEM, टरबाइन, बॉयलर, इलेक्ट्रिकल, इंस्ट्रूमेंट, प्लानिंग, इलेक्ट्रिकल ऑर्गेनाइजेशन, पीएसडी, ईआरएस, पीबीएस, पावर जोन के अन्य विभाग के कर्मी भी शामिल हुए।

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मुख्य अतिथि तापस दास गुप्ता (सीजीएम आयरन), राजीव पांडे (सीजीएम पीएफ), डॉ. एआर सोनटके (जीएम फायर एंड सेफ्टी), बोनिया मुखर्जी (जीएम ईएमडी) मौजूद रहे।

कार्यक्रम में सीजीएम आयरन ने हादसों का आंकड़ा पेश किया। रोड और वर्क एक्सीडेंट बढ़ रहे हैं। प्लांट में सिर्फ कोरोना काल में कुछ कम हादसे हुए थे। 2018 में 17.8 प्रतिशत से सीधे 2022 में 42.27 परसेंट हो गया है, जो बहुत ही गंभीर बात है।

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डिफेंसिव ड्राइविंग प्रोग्राम में मुख्य रूप से सुरक्षित रूप से रोड में ड्राइविंग के बारे में बताया गया और रक्षात्मक ड्राइविंग का परिचय, यातायात के नियम, यातायात के नियंत्रण के उपकरण, सड़क सुरक्षा चिन्ह, यातायात सिग्नल, ट्रैफिक पुलिस के इशारे, सड़क यात्रा पर निकलने पूर्व की तैयारी, वाहन चालन सुस्ती, थकान, नशे की अवस्था में गाड़ी ना चलाने की सलाह दी गई।

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मुख्य रूप से बताया गया कि ब्लाइंड स्पॉट जो बड़ी गाड़ियों ट्रकों, हलपर्क, बस में होता है, जिसमें ड्राइवर को वह हिस्सा दिखलाई नहीं पड़ता है। ब्लाइंड स्पॉट में यमराज का वास होता है, उससे संभल कर चलना है, नजर हटी तो दुर्घटना घटी…।

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गाड़ी चलाते समय उस हिस्से में दो पहिया वाहन या अन्य गाड़ियां ड्राइवर को दिखलाई नहीं पड़ती हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाती हैं, क्योंकि वह हिस्सा ब्लाइंड स्पॉट होता है।

सामने चल रही गाड़ियों से सुरक्षित दूरी बना कर रखना और बड़ी गाड़ियों से एक सुरक्षित अंतर पर विशेष ध्यान रखने पर जोर दिया गया और कैसे रखा जाए समझाया गया।

ट्रैफिक के नियमों का पालन एवं इससे संबंधित प्रिंटेड मैटेरियल भी बांटा गया। आखिरी में प्रशिक्षणार्थियों एवं प्रशिक्षकों को सफल प्रशिक्षण के पुरस्कार स्वरूप गिफ्ट भी दिए गए।

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ऑन रोड मूल्यांकन के लिए गैरेज से गाड़ी नहीं मिलने के कारण सीजीएम (पीएफ) राजीव पांडे ने अपनी कार ऑन रोड मूल्यांकन के लिए दिया। सहभागियों ने बताया कि ऐसी जानकारी उन्हें पहले कभी नहीं मालूम थी। कई जानकारियां तो हमें बहुत ही आश्चर्यचकित कर रही हैं। हम अपने परिवार के सदस्यों एवं साथियों को भी जागरूक करेंगे। अंत में सड़क सुरक्षा प्रतिज्ञा सभी प्रशिक्षणार्थियों एवं अधिकारियों के द्वारा ली गई।

डिफेंसिव ड्राइविंग प्रशिक्षक विकास पात्रे (ब्लास्ट फर्नेस) श्वेता झा (ब्लास्ट फर्नेस) एवं प्रबोध मलिक (पीवीएस) के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। यह ट्रेनिंग प्रोग्राम बहुत ही सफल माना जा रहा है, इसकी सराहना उच्च अधिकारियों के द्वारा की गई।

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