वार पर भिलाई स्टील प्लांट के सिविल डिफेंस-NDRF ने बनाया मॉक ड्रिल का वीडियो, बमबारी पर ये करें…

Bhilai Steel Plant's Civil Defense-NDRF made a video of mock drill on war, do this in case of bombing...
दुश्मन देश की तरफ से होने वाली बमबारी, लड़ाकू विमान गुजरने और सायरन बजने पर क्या-क्या सावधानी बरतनी है, डिटेल जानकारी दी गई।
  • लखनऊ एयरफोर्स की गाइड लाइन को आधार बनाकर शूट किया गया। प्राइमरी शूटिंग की गई।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। पहलगाम आतंकी हमले के बाद बदले माहौल में देश के 244 जिलों में मॉकड्रिल बुधवार को किया जाएगा। वार की स्थिति में बचाव की तैयारियों का मॉक ड्रिल किया जाएगा। जिला प्रशासन के आदेश पर एनडीआरएफ और बीएसपी सिविल डिफेंस की टीम ने 3 मिनट का वीडियो तैयार किया है।

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दुश्मन देश की तरफ से होने वाली बमबारी, लड़ाकू विमान गुजरने और सायरन बजने पर क्या-क्या सावधानी बरतनी है। इसकी डिटेल जानकारी दी गई है, ताकि लोगों को जागरुक किया जा सके। जिला प्रशासन ने अगर इस वीडियो को ओके कर दिया तो इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

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वीडियो में बताया गया है कि सायरन बजने पर कार और बाइक चालक क्या करें। सड़क पर आप हैं और सायरन बजा तो जमीन के बल आप लेट जाएं। मुंह में कपड़ा या रुमाल दबाकर लेटना है। मुंह में कपड़ा दबाकर दोनों कानों को बंद करके जमीन पर लेट जाएं। अगर आप ऑफिस में काम कर रहे हैं और सायरन बचता है तो आप टेबल या बेंच के नीचे जाकर दोनों घुटनों के बीच सर रखकर मुंह में रुमाल दबाकर कान को बंद करके बैठ जाएं।

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भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai Steel plant) में सिविल डिफेंस का कार्यालय है। नागरिक सुरक्षा संगठन का पूरा सेटअप है। बीएसपी के एचआरडी में शाम 4 बजे प्री मॉक ड्रिल शूट किया गया। सिविल डिफेंस के मास्टर ट्रेनर और स्टाफ, जिला कमांडेंट भी मौजूद रहे। आधे घंटे की शूटिंग हुई। इसमें से 3 मिनट का वीडियो तैयार किया गया है।

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लखनऊ एयरफोर्स की गाइड लाइन को आधार बनाकर शूट किया गया। प्राइमरी शूटिंग की गई। एक साथ सायरन बजने पर सबको अलर्ट होना है। एक लंबा सायरन बजने के बाद ही स्थिति सामान्य मानी जाएगी।

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इसके बाद ही आप मूव कर सकते हैं। वहीं, ब्लैक आउट होने की स्थिति में घर की सभी लाइट-बाइक या कार की लाइट तक बंद रखना होगा। छोटा बल्ब और गाड़ी की लाइट तक नहीं ऑन करना है, ताकि दुश्मन देश को कोई सुराग न मिल सके।

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मॉक ड्रिल का उद्देश्य

-नागरिक सुरक्षा तंत्र की जाँच और सुधार
-आम नागरिकों को आत्म-सुरक्षा और आपातकालीन उपायों का प्रशिक्षण
-संकट के समय बेहतर तालमेल और त्वरित प्रतिक्रिया

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मुख्य अभ्यास और नागरिकों की भूमिका

-हवाई हमले की चेतावनी सायरन
-तेज़ सायरन बजेंगे। तुरंत घर के अंदर जाएँ, खिड़कियों से दूर रहें, “ऑल क्लीयर” सायरन तक घर के अंदर ही रहें।
-आत्म-सुरक्षा प्रशिक्षण
-स्थानीय अधिकारी लाइव डेमो देंगे। “डक–कवर–होल्ड” तकनीक सीखें।
-एक ‘गो-बैग’ तैयार रखें जिसमें हों: फर्स्ट एड, पानी, टॉर्च, ड्राई फूड, ID कार्ड, दवाइयाँ।

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ब्लैकआउट अभ्यास

-निर्देश मिलते ही सभी लाइट बंद करें। मोबाइल और फ्लैशलाइट का उपयोग सिर्फ ज़रूरत पड़ने पर करें।
-महत्वपूर्ण इमारतों का छलावरण
-अधिकारियों द्वारा पानी की टंकी, बिजलीघर आदि को छिपाया जा सकता है – सहयोग करें, फोटो न लें।
-निकासी पूर्वाभ्यास (Evacuation Drill)
-निर्धारित मार्ग से बाहर निकलें, लिफ्ट का प्रयोग न करें, बुजुर्गों और बच्चों की मदद करें, शांतिपूर्ण ढंग से सुरक्षित स्थान पर जाएँ।

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अतिरिक्त तैयारी के सुझाव

-मोबाइल चार्ज रखें, लेकिन उपयोग सिर्फ ज़रूरत के समय करें।
– पुलिस, अस्पताल, कंट्रोल रूम के नंबर सेव रखें।
-सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने से बचें।
– स्कूल और ऑफिस में बच्चों और कर्मचारियों की भागीदारी सुनिश्चित करें।
– इच्छुक नागरिक स्थानीय नागरिक सुरक्षा इकाइयों से जुड़कर ट्रेनिंग प्राप्त कर सकते हैं।

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नोट: याद रखें: यह केवल एक अभ्यास है, असली आपातकाल नहीं। आपकी सतर्कता और भागीदारी से ही एक सुरक्षित भारत संभव है।

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