
सांसद विजय बघेल के साथ रविवार को होगी अहम बैठक।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील सिटी चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एवं कंफेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स टीम भिलाई के प्रतिनिधियों ने छत्तीसगढ़ स्तरीय व्यापार सम्मेलन बिलासपुर में केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर भिलाई टाउनशिप के व्यापारियों, धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक संस्थाओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया।
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स और इंडस्ट्रीज के प्रांतीय अध्यक्ष एवं केट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर परवानी, कैट के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र दोषी के नेतृत्व में राष्ट्रीय महामंत्री एवं चांदनी चौक नई दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल से वर्तमान गंभीर समस्या लीज नवीनीकरण के विषय पर गंभीरता पूर्वक चर्चा की।
चर्चा के दौरान चेंबर के चेंबर के अध्यक्ष अमर परवानी और चेंबर के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन, सलाहकार सदस्य रामकुमार गुप्ता ने स्थानीय निवासियों को आ रही परेशानियों की जानकारी दी।
प्रवीण खंडेलवाल ने चर्चा के दौरान बताया कि मेरी दुर्ग सांसद विजय बघेल से इस विषय पर चर्चा हुई है। हम दोनों मिलकर इस्पात मंत्री से चर्चा करेंगे और आप लोगों को किसी तरह की तकलीफ ना हो इस दिशा में कार्य करेंगे।
चर्चा के दौरान अमर परवानी ने दुर्ग सांसद विजय बघेल के प्रयासों की चर्चा करते हुए बताया कि भिलाई के कार्यक्रम में जहां मैं स्वयं उपस्थित था, व्यापारियों ने सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे थे और हम सब ने सांसद विजय बघेल के नेतृत्व में इस समस्या से निजात दिलाने का आश्वासन शहर के प्रभावित पक्ष को दिया है।
चेंबर अध्यक्ष ने सभी सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों से पुन: निवेदन किया है कि हम सबको एकजुट रहना होगा और न्यायालय के माध्यम से और दिल्ली में उच्च स्तरीय चर्चा कर इस समस्या का हल हर रास्ते से निकाला जाएगा।
प्रतिनिधि मंडल में चेंबर के महासचिव दिनेश सिंघल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश रतनानी, सचिव संतोष जायसवाल, कार्य समिति सदस्य सत्यनारायण बंछोर सहित अन्य 11 सदस्यों बिलासपुर के व्यापारी सम्मेलन में अपनी भागीदारी दी।
ज्ञानचंद जैन ने बताया कि धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक एवं व्यापारियों का प्रतिनिधिमंडल रविवार को प्रातः 9:30 बजे सांसद विजय बघेल से मिलेगा। और प्रवीण खंडेलवाल के साथ हुई चर्चा की जानकारी से उन्हें भी अवगत कराएगा। सांसद विजय बघेल के प्रयासों का प्रतिफल है कि स्थानीय स्तर पर भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने मरोदा की घटना के बाद अपनी कार्यशैली को बदला है।