
- आरोप है कि सीबीटी, सीपीएफसी, श्रम मंत्रालय, वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने कभी इस पर काम नहीं किया।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Pension EPFO) और सरकार पर बड़ा दावा किया गया है। पेंशनभोगियों में यह बात आम रही है कि सरकार और ईपीएफओ ने पेंशन बढ़ाने का आश्वासन दिया है। लेकिन, अब दावा किया जा रहा है कि ऐसा सरकार की तरफ से कुछ भी नहीं कहा गया है।
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पेंशनभोगी अरुण देबनाथ ने कहा-सरकार ने कभी आश्वासन नहीं दिया। एनएसी 65 लाख सदस्यों को बेवकूफ बना रही है। इस सरकार के पास कभी एक पैसा नहीं है। मनमोहन सिंह सरकार ने 1000 रुपये दिए थे, जिसका भाजपा ने मजाक उड़ाया।
सीबीटी, सीपीएफसी, श्रम मंत्रालय, वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने कभी इस पर काम नहीं किया। हममें से अधिकांश लोग प्रक्रिया नहीं जानते और पेंशनर बेवकूफ बनते रहे। सच तो यह है कि सीपीएफसी को 5000 करोड़ रुपये के बजट की मंजूरी की जरूरत है। भले ही वे 2000 रुपये तक जुटाना चाहें।
वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री ने कभी कोई फंड देने का वादा नहीं किया। यह मुद्दा कभी भी सीबीटी की बैठक के एजेंडे में नहीं रहा। पिछले तीन साल में श्रम मंत्री आए और बिना कोई सकारात्मक कदम उठाए चले गए।
सांसद हेमा मालिनी के साथ जो बैठकें हुई, उसका कोई रिजल्ट नहीं आया है। अब यही माना जा रहा है कि सब गुमराह कर रहे हैं, जबकि उन्हें सच्चाई पता है। एकमात्र उपाय है भूख हड़ताल।
कुलमणि राउत कहते हैं कि कोई खबर नहीं है और कोई सकारात्मक खबर नहीं आएगी। सभी पिछली खबरें झूठी और मनगढ़ंत हैं। इसलिए कृपया भविष्य में किसी अच्छी खबर की उम्मीद न करें। सभी लोग बुढ़ापे के EPS-95 पेंशनभोगियों की मानसिकता से खेल रहे हैं।