- सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जलमार्ग आदि आधारभूत ढांचे के विकास में उठाए गए व्यापक कदमों से भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। Public Sector और सरकारी सहायता हासिल करने वाली कंपनियों में रोजगार को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा दावा किया है। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि रोजगार सृजन के साथ ही रोजगार क्षमता उन्नयन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी अनुसार सरकार ने युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
ये खबर भी पढ़ें: राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड: राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 और आरआईएनएल का जीवनदान
रोजगार सृजन के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस), पंडित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई), दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम), मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि) योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) आदि योजनाएं चलाई जा रही है।
सड़क, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जलमार्ग आदि आधारभूत ढांचे के विकास में उठाए गए व्यापक कदमों से भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इसके अलावा, सरकार राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस) पोर्टल चला रही है, जो निजी और सरकारी क्षेत्रों की नौकरियों सहित करियर से संबंधित जानकारी और सेवा प्रदान करने के लिए केंद्रित समाधान है।
इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन रोजगार मेले की जानकारी, रिक्तियों से संबंधित जानकारी, करियर काउंसलिंग, व्यावसायिक मार्गदर्शन, कौशल विकास पाठ्यक्रमों की जानकारी, कौशल/प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि डिजिटल प्लेटफॉर्म [ www.ncs.gov.in ] के माध्यम से दी जाती है।
केंद्रीय बजट 2024-2025 में, सरकार ने 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय के साथ 5 साल की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल और अन्य अवसरों की सुविधा की 5 योजनाओं और पहल से संबंधित प्रधान मंत्री पैकेज की घोषणा की थी। केंद्रीय बजट 2025-2026 का लक्ष्य भी पर्यटन, विनिर्माण, मत्स्य पालन आदि क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उत्पन्न करना है। इसमें उद्यमशिलता को बढ़ावा देना और युवाओं को कौशलयुक्त बनाने के विभिन्न उपाय शामिल हैं।
ये खबर भी पढ़ें: ग्रामीण और कृषि मजदूर खुद को न समझें अकेला, पैसे की मदद ऐसे पाएं
विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में रिक्त पद सृजित होना और उनका भरा जाना एक सतत प्रक्रिया है। सरकार द्वारा आयोजित रोजगार मेलों में रिक्त पदों पर मिशन मोड में भर्ती की जा रही है। यह समयबद्ध तरीके से केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीयू)/स्वायत्त निकायों/शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थानों आदि में रोजगार सृजन में उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा। विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 45-50 शहरों में केंद्रीय स्तर पर अब तक 14 रोजगार मेले आयोजित किए गए हैं। रोजगार मेलों के दौरान इनमें भाग लेने वाले मंत्रालयों/विभागों ने कई लाख नियुक्ति पत्र जारी किए हैं।