- अग्निशामक यंत्र (Fire Extinguisher) जांच के दौरान फट जाने से गम्भीर रूप से हाथ झुलस गया है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल के भिलाई स्टील प्लांट में हादसा हो गया है। कैपिटल रिपेयर के दौरान रेल मिल में हादसा हुआ है। रेल मिल में फायर ब्रिगेड के कर्मचारी के हाथ में ही अग्निशामक यंत्र (Fire Extinguisher) जांच के दौरान फट जाने से गम्भीर रूप से हाथ झुलस गया है। मेन मेडिकल पोस्ट से सेक्टर 9 अस्पताल रेफर कर दिया गया है। जख्मी दमकल कर्मी का नाम निशांत कुल्लू है। इंडेक्स फिंगर फ्रैक्चर हो गया है।
हर तीन माह में संयंत्र के अंदर रखे हुए अग्निशामक यंत्र (Fire Extinguisher) की जांच की जाती है। ऐसे ही जांच के दौरान आज रेल मिल के अंदर बड़ा हादसा हो गया और एक फायरमैन का हाथ फट गया, जिसे सेक्टर 9 अस्पताल ले जाया गया है। 30 वर्षीय फायरमैन निशांत कुल्लू का इलाज चल रहा है।
20 साल पहले भी ऐसे ही हादसा में गई थी एक फायरमैन की जान
लगभग 20 साल पहले ऐसे ही एक हादसे में एक फायरमैन अमरनाथ सिंह की जान चली गई थी, जिससे सबक लेते हुए अच्छी क्वालिटी के अग्निशामक यंत्र (Fire Extinguisher) को मंगाना चाहिए था। किंतु अभी भी L 1 वाले लोकल माल खरीदे जा रहे हैं, जिसमें आज रेल मिल के अंदर यह हादसा हो गया।
हादसे में जख्मी हुए फायरमैन बहुत ही सावधानी के साथ कार्य कर रहा थाप। यदि फायरमैन थोड़ा भी सामने की तरफ झुका होता तो हादसा और गंभीर हो सकता था। 20 साल पुरानी घटना जैसी कोई घटना हो सकती थी। फायर डिपार्टमेंट के बड़े अधिकारी अभी भी नहीं चेते तो ऐसे हादसे होते रहने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
आम कर्मी हादसे को लेकर दहशत में
इस घटना के बाद आम कर्मी दहशत में है क्योंकि यह अग्निशामक यंत्र (Fire Extinguisher) पूरे संयंत्र के अंदर अलग-अलग विभागों के अलग-अलग स्थान पर रखा जाता है। इसे चलाने के संदर्भ में कर्मियों को समय-समय पर ट्रेनिंग दी जाती है।
संयंत्र के किसी विभाग में कभी भी आग लगने पर उस ट्रेनिंग के आधार पर आम कर्मियों को इस फायर एक्सटिंग्विशर का इस्तेमाल करके आग पर काबू पाना होता है। यदि अग्निशामक यंत्र (Fire Extinguisher) को हर तरह से चलने वाला फायरमैन ही ऐसे हादसे का शिकार हो गया तो आम कर्मी जो मामूली सा ट्रेनिंग लेकर कभी-कभी इन अग्निशामक यंत्र (Fire Extinguisher) का इस्तेमाल करता है, उनका आज वाले हादसे होने पर दहशत में आना स्वाभाविक है।
अब देखना होगा कि उच्च प्रबंधन इस मामले को संज्ञान में लेकर गहराई से जांच कर उचित कदम उठाती है या फिर उच्च स्तर तक सभी लोग लीपापोती में लग जाते हैं।