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ठेकेदारों ने प्रबंधन के तुगलकी फरमान की आलोचना की।
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प्रबंधन से मांग किया है भिलाई की आद्योगिक शांति को भंग ना करें।
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कर्मचारियों के 39 माह के बकाया एरियर का मुद्दा भी उछाला।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल के भिलाई स्टील प्लांट के ठेकेदारों ने प्रबंधन को तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। लगातार मांगों के बाद भी सुनवाई न होने से बीएसपी के ठेकेदार भड़क गए हैं। कामकाज को ठप करने की चेतावनी तक दे दी गई है। साथ ही नियमित कर्मचारियों के बकाया 39 माह के एरियर का मुद्दा भी उछाल दिया है।
भिलाई इस्पात संयंत्र कांट्रेक्टर एंड लेबर वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों ने सेक्टर 10 कॉफ़ी हॉउस हाल में एक आम सभा की। ठेकेदारों ने ने भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन की आलोचना करते हुए कहा कि सेल के सभी संयंत्रो के अलावा केवल भिलाई इस्पात संयंत्र में ठेका श्रमिकों का वेतन भुगतान की दर राज्य शासन के द्वारा निर्धारित दर पर की जा रही है।
वहीं, समस्त कार्यरत ठेकेदारों को केंद्रीय सरकार के श्रमिक नियमों का पालन करना पड़ता है, जिसके कारण ठेका श्रमिकों को प्रति माह हजारों रुपए का हानि हो रहा है। प्रबंधन की हठ धर्मिता के कारण ही भिलाई इस्पात संयंत्र के नियमित कर्मचारीयो को प्रतिदिन बायोमेट्रिक पद्धति से अपनी उपस्थिती दर्ज करानी पड़ रही है, जिसका सभी श्रमिक संगठनों ने विरोध किया था।
परन्तु दुर्भाग्य से इन श्रमिक संगठनों में एकजुटता की कमी की वजह से प्रबंधन इसका फायदा उठाकर बायोमेट्रिक प्रणाली को लागू कर पाया, जिसमे कई खामिया है, जिसके दूरगामी परिणाम खतरनाक हो सकते है।
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ठेका श्रमिकों की संख्या लगभग 27000 है, जिन पर भिलाई संयंत्र का अधिकतम उत्पादन निर्भर है। ऐसे संगठित संगठन पर बायोमेट्रिक की अनिवार्यता लागू कर प्रबंधन अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा है, क्योंकि भिलाई संयंत्र मे अब पूर्व की तरह असफल हड़ताल जैसी बात नहीं रह गई है।
पिछला श्रमिक आंदोलन लगभग सफल हो गया था, जो भिलाई संयंत्र के लिए आंदोलन का बीज था। अबकी बार प्रबंधन के अत्यधिक अत्याचार की वज़ह से असंतोष रूपी बारूद फट पड़ेगा और विशाखापत्तनम संयंत्र की तरह बड़ा आंदोलन भिलाई में हो जाएगा, तो कोई आश्चर्य नहीं।
ठेकेदारों ने 50 लाख के दुर्घटना बीमा की मांग की
ठेकेदारों ने कहा-लगातार लाभ कमाने वाले भिलाई में कर्मचारियों का शोषण कर लंबित 39 माह का एरियर्स का भुगतान ना कर अधिकारियों को लगातार माला माल किया जा रहा है। संयंत्र के नगर क्षेत्र के रिक्त आवासों को ठेका श्रमिक को आवंटित किया जाना चाहिए।
वहीं, सोसायटी द्वारा प्रति श्रमिक का 10 लाख का दुर्घटना बीमा श्रमिकों के भलाई का मील का पत्थर साबित हो रहा है।
इसका प्रीमियम सोसायटी द्वारा दिया जा रहा है। वहीं, ठेकेदार सदस्यों ने स्वयं के लिए भी 50 लाख का दुर्घटना बीमा किए जाने की मांग सोसायटी से की।
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