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BSP कर्मी ने दो दिन पहले मां, पत्नी और एक साल की बच्ची को भेजा गांव, आज घर में हो गया हादसा, बची जान

BSP कर्मी ने दो दिन पहले मां, पत्नी और एक साल की बच्ची को भेजा गांव, आज घर में हो गया हादसा, बची जान
  • बुधवार सुबह अचानक से आवाज आई और नवीन भागते हुए पहुंचे तो देखा टूटे प्लास्टर के टुकड़े चारपाई और एक्वेरियम के आसपास बिखरे हुए हैं।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट के जर्जर आवास की चपेट में कर्मचारी का परिवार आता, लेकिन गांव जाने की वजह से मां, पत्नी और एक साल की बच्ची बाल-बाल बच गई। अन्यथा कोई न कोई चपेट में आ ही जाता। तेज आवाज के साथ कमरे की छत का करीब 40 प्रतिशत प्लास्टर का हिस्सा टूटकर गिर गया।

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आवाज सुनते ही कर्मचारी कमरे में पहुंचा तो वहां का मंजर देख दहशत में आ गया। अपने साथियों को फोन कर घर बुलाया। दहशत की वजह से काफी देर तक वह सुध-बुध ठोकर बैठा ही रहा। बीएसपी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष उज्ज्वल दत्ता को खबर लगी, उन्होंने आनन-फानन में सिविल विभाग के अधिकारियों को फोन लगाया। खबर मिलते ही मेंटेनेंस आफिस की टीम घर पहुंच चुकी है।

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सेक्टर-2 के सड़क 15/B स्थित क्वार्टर नंबर 4/D में रेल एंड स्ट्रक्चरल मिल में कार्यरत नवीन चंद्र बोस परिवार संग रहते हैं। दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के जामगांव-आर के मूल निवासी हैं। पत्नी, एक साल की बच्ची और मां गांव दो दिन पहले गए हुए हैं। कर्मचारी नवीन घर पर अकेले ही था।

घर के आगे वाले कमरे में नवीन की मां अपनी पोती को लेकर रहती थीं। यहीं देखभाल करती थीं। इस कमरे में सबका आना-जाना होता था। इसी रूम में एक्वेरियम भी रखा हुआ है। रोज सुबह मछलियों को दाना देने परिवार का कोई न कोई सदस्य आता है।

बुधवार सुबह अचानक से आवाज आई और नवीन भागते हुए पहुंचे तो देखा टूटे प्लास्टर के टुकड़े चारपाई और एक्वेरियम के आसपास बिखरे हुए हैं। यह मंजर देख वह डर गए। सुबह 6.30 बजे से ही वह फोन घनघनाते रहे।

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