
- देश भर के सभी 129 सार्वजनिक उपक्रमों में क्रय अनुबंध प्रक्रिया (पीसीपी) लागू है।
- भिलाई स्टील प्लांट में नियमावली अक्सर बदलते रहती है।
- इससे कांट्रेक्टर को कई व्यवहारिक दिक्कतें होती हैं।
- ठेका मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण निजी एजेंसी के बजाए ईएसआईसी से कराने की मांग।
- सेफ्टी विभाग द्वारा मनमाने ढंग से फाइन लगाए जाने सहित कई अन्य मुद्दे भी उठाए गए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल बीएसपी स्टील प्लांट कांट्रेक्टर एसोसिएशन (SAIL BSP Steel Plant Contractor Association) के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार शाम भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai STeel Plant) के कार्यपालक निदेशक (संकार्य) राकेश कुमार से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उनसे कांट्रेक्टर और ठेका मजदूरों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई।
एसोसिएशन के उठाए गए मुद्दों पर ईडी वर्क्स राकेश कुमार ने साफ किया कि सेल-बीएसपी में पंजीकृत सभी ठेकेदार को हर संभव काम मिलेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी ठेकेदार छोटा हो चाहे बड़ा, सभी के लिए बीएसपी मैनेजमेंट अवसर उपलब्ध कराएगा।
एसोसिएशन ने विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक आश्वासन पर आभार जताते हुए प्रत्येक तीन महीने में एक बैठक कराने का अनुरोध किया। जिस पर मैनेजमेंट ने सहर्ष सहमति दी।
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ईडी वर्क्स राकेश कुमार के कार्यभार संभालने के बाद पहली बार मिलने संयंत्र भवन पहुंचे सेल स्टील प्लांट कांट्रेक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उनका पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। ईडी वर्क्स राकेश कुमार ने इस दौरान कहा कि कांट्रेक्टर और ठेका मजदूर भिलाई स्टील प्लांट का एक प्रमुख अंग है और इनकी कहीं उपेक्षा नहीं होगी।
एसोसिएशन के प्रेसीडेंट केए अब्दुल कादर ने स्वागत भाषण में कहा कि मैनेजमेंट ने हमारी समस्याओं को गंभीरता से समझा और चर्चा के लिए फोरम उपलब्ध कराया, इससे उम्मीद है कि भविष्य में भी तमाम जटिल मुद्दों का निराकरण होगा।
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इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर एसोसिएशन की ईडी वर्क्स से चर्चा हुई। जिसमें सदस्यों ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया में लॉटरी सिस्टम लागू करने से कई खामियां देखने में आ रही है। इससे कई कांट्रेक्टर काम से वंचित हो रहे हैं।
अध्यक्ष कादर ने ईडी वर्क्स को बताया कि देश भर के सभी 129 सार्वजनिक उपक्रमों में क्रय अनुबंध प्रक्रिया (पीसीपी) लागू है,लेकिन भिलाई स्टील प्लांट में नियमावली अक्सर बदलते रहती है। इससे कांट्रेक्टर को कई व्यवहारिक दिक्कतें होती हैं।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस दौरान लॉटरी सिस्टम में बदलाव करते हुए इसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से संचालित करने की मांग भी की। चर्चा में ईडी वर्क्स राकेश कुमार ने कहा कि प्रक्रियागत अगर कुछ समस्याएं हैं तो उसे सुलझा लिया जाएगा, इसके लिए मैनेजमेंट लॉटरी सिस्टम की समीक्षा करेगा।
उन्होंने साफ किया कि भिलाई स्टील प्लांट में पंजीकृत एक भी कांट्रेक्टर काम से वंचित नहीं रहेगा और सभी को काम मिलता रहेगा। इस पर एसोसिएशन ने हर्ष जताया। ईडी वर्क्स ने एसोसिएशन की मांग पर रेट कांट्रेक्ट (सिविल) को प्लांट एरिया में लागू करने का आश्वासन दिया। एसोसिएशन ने उन्हें यह भी बताया कि रेट कांट्रेक्ट (इलेक्ट्रिकल) रोटेशन के आधार पर नहीं दिया जा रहा है।
एसोसिएशन की ओर से बताया गया कि केंद्रीय सूचना आयोग द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत भिलाई स्टील प्लांट में पात्रता मापदंड और समान कार्य के संदर्भ में दिए आदेश को अब तक लागू नहीं किया गया है।
इस पर ईडी वर्क्स ने कहा कि यह उनके पहले का प्रकरण है और इसका परीक्षण करवाएंगे। सदस्यों ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) से अदेयता प्रमाणपत्र (एनडीसी) मिलने में हो रही देरी से आ रही व्यवहारिक दिक्कतों और नुकसान का भी उल्लेख किया। जिस पर ईडी वर्क्स ने कहा कि वह सुनिश्चित करेंगे कि एनडीसी मिलने में देरी न हो।
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एसोसिएशन ने इस दौरान ठेका मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण निजी एजेंसी के बजाए ईएसआईसी के माध्यम और सेफ्टी विभाग द्वारा मनमाने ढंग से फाइन लगाए जाने सहित कई अन्य मुद्दे भी उठाए। इन सभी मुद्दों पर ईडी वर्क्स राकेश कुमार ने समाधान निकालने की बात कही।
एसोसिएशन ने कांट्रेक्टर से जुड़े प्रशासनिक मुद्दों पर कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) और कुछ अन्य मुद्दों पर मुख्य महाप्रबंधक (एमएंडयू) से भी चर्चा की बात कही। बैठक में एसोसिएशन के वर्किंग प्रेसीडेंट जगन्नाथ मुखर्जी, महासचिव सीके मोहन, कोषाध्यक्ष के. तुलसीधरन पिल्लई, वाइस प्रेसीडेंट विद्यासागर त्रिपाठी, वाइस प्रेसीडेंट के. ए. अंसार, कार्यकारिणी सदस्य के. विजय कुमार, उपमहासचिव एनपी मिश्रा, मनीष शर्मा, मोहन राव और के. थंगराज मुख्य रूप से उपस्थित थे।
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