
- जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से दम तोड़ती लाइसेंस की मांग।
- टाउनशिप के स्वरूप को बरकरार रखने के लिए लाईसेंस जरूरी।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट (Bhilai STeel Plant) के कर्मचारियों ने भिलाई टाउनशिप (Bhilai Township) के आवास आवंटन प्रक्रिया पर सवाल उठाया है। कर्मियों का कहना है कि सुविधाओं का कहिए या उनकी मांगों का गला कैसे घोटा जाता है, यह भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन (Bhilai STeel plant Management) के शीर्ष पद पर बैठे जिम्मेदार अधिकारियों की कारगुजारी देख कर समझा जा सकता है।
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यह मांग एक दम सर्वविदित हो चुकी है कि भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai STeel plant) के टाउनशिप में रहने वाले कर्मचारी और भूतपूर्व कर्मचारी लाईसेंस या लीज में क्वाटर चाहते हैं। और उसके पीछे कारण यह है कि अधिकांश क्वाटर खाली हो रहे, जिस अनुपात में टाउनशिप में कर्मचारी पहले रहते थे। अब सभी सेवानिवृत्ति की कगार पर हैं।
अर्थात क्वाटर हो गए है ज्यादा और रहने वाले हो गए कम। अगर टाउनशिप का स्वरूप बरकरार रखना है तो लाइसेंस ही एक मात्र विकल्प बच जाता है। नहीं, तो वह दिन दूर नहीं, जब हरा भरा टाउनशिप पुरी तरह कंडम हो जाएगा, क्योंकि टाउनशिप में बैठे जिम्मेदार अधिकारी जिस तरस से आवासों को तोड़ने में दिलचस्पी ले रहे हैं। ऐसा लगता है कि आने वाले परिसिमन में भिलाई विधानसभा ही विलुप्त हो जाएगा। यह भिलाई के कद्दावर जनप्रतिनिधियों के लिए चिंतन का विषय है?
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9 अप्रैल 2025 को भिलाई इस्पात संयंत्र ने कुछ कैटेगरी के आवासों को लाइसेंस पर देने का सर्कुलर जारी किया गया था। मालूम हुआ कि उस कैटेगरी में से लगभग पूरे क्वाटर पहले से खाली है या कोई लेना ही नहीं चाह रहा है। और बार-बार वैकेंट लिस्ट में रिपीट हो रहे।
ऊपर से शर्तें भी भारी भरकम आठ से दस लाख डिपोजिट के अलावा बीएसपी में कार्यरत जमानतदार की, जिसकी पांच साल नौकरी बची हो। जबकि थर्ड पार्टी एलाटमेंट के साथ ना कोई जमानतदार की, न कोई डिपोजिट जैसी कोई शर्त है। यह सब नियम कानून केवल बीएसपी कर्मचारी और भूतपूर्व कर्मचारियों के लिए ही लागू किए जाते है।
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इससे पूर्व सब्जेक्ट टू वेकेशन की सुविधा भी बंद कर दी गयी है, जिस से मन चाहा क्वाटर आपसी सामंजस्य से कर्मचारियों को मिल जाया करता था। प्रबंधन ने कुछ चुनिंदा आवास को लाईसेंस पर निकाल कर उच्च स्तर पर यह बताने की कोशिश की है कि हमने कर्मचारियों की और यूनियन की मांग पर लाइसेंस में आवास की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन इससे लाभांवित होने वाले कोई हितग्राही नजर नहीं आ रहे हैं।
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दावा किया जा रहा है कि एक भी आवेदन लाइसेंस में क्वाटर लेने के लिए नहीं आया है। यहां तक कि श्रेय लेने भी कोई यूनियन आगे नहीं आ रही है। बहरहाल प्रबंधन या नगर सेवा विभाग के अधिकारियों को इस तरह से कर्मचारियों की मांगों का जनाजा निकालने में क्या मज़ा आता है।
यह समझ से परे है,जिस तरह से नगर सेवा विभाग भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel plant) ने चुन-चुन कर खाली आवासों को लाइसेंस में निकाला है, उससे यह साफ समझ में आता है कि लाइसेंस पद्धति को अगर किसी ने रोक के रखा है तो केवल और केवल स्थानीय प्रबंधन ने। संयंत्र प्रबंधन में बैठे अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता के कारण ही आज टाउनशिप और भिलाई विधानसभा क्षेत्र उजड़ने की ओर अग्रसर है।
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बीएसपी कर्मचारियो ने कहा-नौ अप्रैल को सर्कुलर निकला था। कोई आवेदन नहीं कर रहा है। यह प्रबंधन में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों का, कर्मी या भूतपूर्व कर्मचारी वही क्वाटर लेना चाहता है, जिसमें वह वृतमान में रहता है। प्रबंधन कंडम आवास दिखा कर कहती है इसे लाइसेंस पर ले लो और ऊपर से इतनी भारी भरकम शर्तें। इतने सब क्वाटर उपलब्ध होने के बाद भी टाउनशिप में रह रहे कर्मियों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। केवल और केवल जिम्मेदार अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण।
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