Bokaro Steel Plant में बवाल बढ़ा, वाटर कैनन पहुंचा, BSL में रोके गए कर्मचारी-अधिकारी, कर्फ्यू की तैयारी

Chaos increased in Bokaro Steel Plant water cannon arrived preparations to impose curfew employees and officers stopped in the plant
प्लांट के अंदर दिन में ड्यूटी पहुंचे कर्मचारियों और अधिकारियों को रोक लिया गया है। खाने का इंतजाम किया गया है।

कार्मिकों के मुताबिक सीआइएसएफ समेत बीएसएल के उच्चाधिकारियों पर गाज गिर सकती है।

सूचनाजी न्यूज, बोकारो। सेल के बोकारो स्टील प्लांट के गेट पर विस्थापित युवक की मौत के बाद हंगामा बढ़ता जा रहा है। प्लांट के सभी गेट को जाम कर दिया गया है। किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को न तो प्लांट में जाने दिया जा रहा है और न ही किसी को बाहर आने दिया जा रहा है।

स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। हालात को संभालने के लिए वाटर कैनन की गाड़ियां पहुंच चुकी है। वहीं, जिला प्रशासन कर्फ्यू लगाने की तैयारी में आ गया है। इसकी पुष्टि अधिकारिक रूप से अब तक नहीं हो सकी है।

वहीं, कार्मिकों के मुताबिक सीआइएसएफ समेत बीएसएल के उच्चाधिकारियों पर गाज गिर सकती है। सभी गेट पर हंगामा जारी है। वहीं, गुप्त मीटिंग का दौर भी जारी है। कर्मचारियों का कहना है कि भीड़ के बीच से यह बात भी सामने आ रही है कि सीआइएसएफ जवानों से बदला लेने की तैयारी भी चल रही है। रात के अंधेरे में स्थिति कुछ भी हो सकती है।

इधर-प्लांट के अंदर दिन में ड्यूटी पहुंचे कर्मचारियों और अधिकारियों को रोक लिया गया है। खाने का इंतजाम किया गया है। नाइट शिफ्ट में उत्पादन को बहाल रखने में काफी हद तक सफलता मिल जाएगी। लेकिन, फर्स्ट शिफ्ट की स्थिति क्या होगी, इसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है।

क्या हैं विस्थापितों की प्रमुख मांग

1. नौकरी और पुनर्वास: विस्थापित परिवारों को रोजगार और सम्मानजनक पुनर्वास की गारंटी।
2. मुआवजा और सुविधाएं: उचित मुआवजा, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं।
3. प्रबंधन की जवाबदेही: विस्थापितों के साथ हो रहे अन्याय के लिए जवाबदेही तय करना।