छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम बदला, अब कर सकेंगे दोगुना निर्माण

Chhattisgarh land development rules changed, now you can double the construction
उद्योग एवं व्यापार को बढ़ावा देने छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 में बड़ा बदलाव। उद्योग एक ही भू-खंड पर कर सकेंगे दोगुना निर्माण।
  • औद्योगिक प्लॉट्स के लिए ग्राउंड कवरेज को 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया गया।
  • सेटबैक में कमी की गई है, जिससे ज़मीन का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।

सूचनाजी न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ में उद्योग-व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। निमयों में बदलाव किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम, 1984 में किए सुधार के चलते अब उद्योग एक ही भू-खंड पर दोगुना निर्माण कर सकेंगे।

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnudev Sai) की विशेष पहल पर हुए इस संशोधन से राज्य में उद्योगों एवं व्यावसायिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। छत्तीसगढ़ भूमि विकास नियम में संशोधन 24 दिसंबर 2024 को अधिसूचित किए गए हैं।

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फ्लैटेड इंडस्ट्रीज़ के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) को 1.5 से बढ़ाकर 3.0 किया गया है, जिससे उद्योग एक ही भूखंड पर अब दोगुना निर्माण कर सकेंगे। इससे विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्टअप्स को कम लागत में अधिक उपयोग योग्य स्थान उपलब्ध होगा।

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औद्योगिक प्लॉट्स के लिए ग्राउंड कवरेज को 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके साथ ही सेटबैक में कमी की गई है, जिससे ज़मीन का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा।

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नगर पालिका क्षेत्रों और विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में व्यावसायिक भवनों के लिए न्यूनतम 5.0 एफएआर निर्धारित किया गया है। जिन भूखंडों का क्षेत्रफल 5 एकड़ या उससे अधिक है और जिन तक 100 मीटर चौड़ी सड़क की पहुँच है, उन पर एफएआर 5.0 लागू होगा।

यदि ये भूखंड सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक (सीबीडी) या ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवल्पमेंट (टीओडी) ज़ोन में आते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त 2.0 एफएआर की अनुमति होगी, यानी कुल एफएआर 7.0 तक हो सकेगा।

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnudev Sai) का कहना है कि इन सुधारों से राज्य में आधुनिक औद्योगिक तथा व्यावसायिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे निवेश में वृद्धि, रोजगार सृजन और राज्य की आर्थिक प्रगति को नई दिशा मिलेगी। नगर एवं ग्राम निवेश विभाग ने इन संशोधनों को उद्योग हितैषी नीति के तहत तैयार किया है, ताकि छत्तीसगढ़ में औद्योगिक एवं व्यावसायिक निवेश को बढ़ावा मिल सके।

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