Rourkela Steel Plant: इस्पात जनरल अस्पताल के डाक्टरों ने की थायराइड की सर्जरी

Doctors of Ispat General Hospital at SAIL Rourkela Steel Plant Perform Successful Thyroid Surgery (1)
आरएसपी कर्मचारी की 34 वर्षीय पत्नी सीमांजलि नंदी पर एक बेहद चुनौतीपूर्ण थायराइड शल्यचिकित्सा सफलतापूर्वक की।
  • सेल राउरकेला इस्पात संयंत्र के आईजीएच डॉक्टरों द्वारा थायराइड की सफल शल्यचिकित्सा।

  • आईजीएच से छुट्टी मिलते वक्त उनके चेहरे पर एक राहत भरी मुस्कान और कृतज्ञता थी।

सूचनाजी न्यूज, राउरकेला। सेल, राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के अंतर्गत इस्पात जनरल अस्पताल (आईजीएच) के कुशल डॉक्टरों की एक टीम ने चिकित्सा विशेषज्ञता और टीमवर्क के एक उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए 34 वर्षीय महिला और आरएसपी कर्मचारी की पत्नी सीमांजलि नंदी पर एक बेहद चुनौतीपूर्ण थायराइड शल्यचिकित्सा सफलतापूर्वक की, जो पिछले तीन वर्षों से गर्दन में सूजन (थायराइड) से पीड़ित थी।

डिफ्यूज कोलाइड गोइटर से पीड़ित नंदी ने सूजन के कारण होने वाली असुविधा और कार्यात्मक समस्याओं के साथ सर्जिकल ओपीडी से संपर्क किया था। गहन नैदानिक मूल्यांकन और परामर्श के बाद, रोगी को सर्जिकल हस्तक्षेप से गुजरने की सलाह दी गई। सुचारू और सुरक्षित प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए गर्दन के सीटी स्कैन और एनेस्थेटिक मूल्यांकन सहित कई शल्यचिकित्सा पूर्व जाँच सावधानीपूर्वक की गई।

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उन्हें 24 अप्रैल, 2025 को एक वैकल्पिक मामले के रूप में भर्ती किया गया था और मुख्य परामर्शदाताम, डॉ. जे आर साहू के नेतृत्व में शाल्याचिकित्सकों की एक विशेषज्ञ टीम द्वारा शाल्त्याचिकित्सा को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।

साथ ही दो अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. एम के पाणिग्रही और डॉ. एम के प्रधान, भी शामिल थे। वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. स्मिता कुजूर की अध्यक्षता में एनेस्थीसिया टीम ने पूरे ऑपरेशन के दौरान रोगी की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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थायरॉइड गांठ के बड़े आकार और रक्तवाहिनीय प्रकृति को देखते हुए यह प्रक्रिया शल्य चिकित्सा की दृष्टि से काफी चुनौतीपूर्ण थी ख़ास करके तब जब आवाज को नियंत्रित करने वाली नसों की रक्षा करना और गर्दन की अन्य महत्वपूर्ण संरचनाओं को सुरक्षित रखना हो । प्रवीणता, सटीकता और समन्वय के साथ, टीम ने बिना किसी जटिलता के शल्यचिकित्सा को प्रबंधित किया और उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त किए।

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ऑपरेशन के बाद, नंदी को महिला सर्जिकल वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया और पाँच दिनों तक वहाँ रखा गया। उनकी चिकित्स्य सुधर बिना किसी जटिलता के हुई, और उन्हें स्वस्थ अवस्था में छुट्टी दे दी गई।

आईजीएच से छुट्टी मिलते वक्त उनके चेहरे पर एक राहत भरी मुस्कान और कृतज्ञता थी। उनके परिवार के सदस्यों ने आईजीएच के समर्पित डॉक्टरों और कर्मचारियों को उनकी व्यावसायिकता, देखभाल और प्रतिबद्धता के लिए हार्दिक धन्यवाद दिया

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