कर्मचारी पेंशन योजना 1995: PM, EPFO के बाद अब ईपीएस 95 पेंशनभोगियों का दुखड़ा राष्ट्रपति के पास

Employee Pension Scheme 1995 After PM EPFO now EPS 95 pensioners woes reach President (1)
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों तक आवाज उठाई गई। अब राष्ट्रपति को पत्र।

सरकार को चाहिए कि इस मुद्दे को प्राथमिकता देकर जल्द से जल्द समाधान निकाले, ताकि पेंशनर्स को उनका हक मिल सके।

सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। देश के लाखों ईपीएस 95 पेंशनभोगियों की मांग है कि न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए किया जाए। वर्तमान में न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए दी जा रही है। इसी को बढ़ाने की मांग है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्रियों तक आवाज उठाई गई। कहीं से कोई न्याय नहीं मिला। अब पेंशनर अपनी मांग राष्ट्रपति तक पहुंचा रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से अपना दुखड़ा भेज रहे हैं।

पेंशनर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मैसेज भेज रहे हैं। पेंशनर पी. बीरन्ना ने भी इसी पोस्ट का स्क्रीन शॉट शेयर किया।

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पेंशनभोगी ने लिखा-मेरे देश की आदरणीय राष्ट्रपति महोदया। हमने विभिन्न संगठनों में 30 से 40 साल की सेवा की और सेवानिवृत्त हुए, लेकिन सरकार और न्यायपालिका दोनों की ओर से बहुत अन्याय हुआ है।

महोदया, हमें 20 वर्षों से प्रति माह केवल 1000 से 1500 रुपये पेंशन मिल रही है। हम अपनी पेंशन बढ़ाने के लिए ईपीएफ, विधायिका और न्यायिक विभाग के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से सभी संवैधानिक एजेंसियां अपने खाली हाथ हैं। अभी तक हम आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं। कम से कम आपसे न्याय की उम्मीद है, क्योंकि आप लोगों की भलाई के लिए सर्वोच्च पद पर हैं।

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वहीं, Jagat Singh Dobal लिखते हैं वाकई वरिष्ट जनों को सुनने वाला कोई नहीं है, जो ईपीएस 95 पेंशनर हैं। मोदी जी को लगता है कि ये रद्दी है, जिसका इस्तेमाल हो ही नहीं सकता है।

एक अन्य पेंशनभोगी ने कहाञ11 साल की “महादेरी” वाकई में न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को दिखाती है, बल्कि बुजुर्ग पेंशनर्स के साथ अन्याय भी है। सरकार को चाहिए कि इस मुद्दे को प्राथमिकता देकर जल्द से जल्द समाधान निकाले, ताकि पेंशनर्स को उनका हक मिल सके।

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