
5 से 10 साल बाद कोई भी ईपीएस 95 पेंशनभोगी जीवित नहीं रहेगा, जिसमें हमारे महान NAC नेता भी शामिल हैं।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी पेंशन योजना 1995: EPS 95 पेंशन को लेकर पेंशनधारकों ने पिछले 10 वर्षों में बहुत संघर्ष किया है। धरने, आंदोलन, याचिकाएँ, सुप्रीम कोर्ट तक गए, तब जाकर कुछ सुनवाई हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने उच्च पेंशन (Higher Pension) का विकल्प देने का आदेश भी दिया, लेकिन ज़मीन पर उसका क्रियान्वयन बहुत धीमी गति से हो रहा है।
अब जो सुनवाई हो रही है, वो भी एक लंबी प्रक्रिया है। उसमें भी फैसला आने, फिर EPFO द्वारा उसे लागू करने, और फिर वास्तविक लाभ मिलने में 5 से 10 साल तक लग सकते हैं। EPFO की कार्यप्रणाली और सरकार की इच्छाशक्ति की कमी इसके पीछे बड़ी वजह।
पेंशनभोगी सनत रावल कहते हैं-बहुत दुखद। न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के लिए NAC आंदोलन के नौ से दस साल पूरे हो गए हैं, लेकिन अभी भी 21-04-2024 तक परिणाम शून्य है। इतनी देरी क्यों, हमें समझ में नहीं आ रहा।
दूसरी तरफ़ सांसदों और विधायकों के आकर्षक वेतन, पेंशन और अन्य भत्ते संसदीय अधिसूचना द्वारा तुरंत बढ़ा दिए गए। शर्म करो भाजपा-एनडीए।
एक अन्य पेंशनर बसकरन सुब्रमण्यम अय्यर कहते हैं-उस समय 5 से 10 साल बाद कोई भी ईपीएस 95 पेंशनभोगी जीवित नहीं रहेगा, जिसमें हमारे महान NAC नेता भी शामिल हैं।