
- आधिकारिक स्रोत जैसे कि ईपीएफओ वेबसाइट और प्रामाणिक सरकारी अधिसूचनाएं पर ही भरोसा करें।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। Employees Pension Scheme 1995: कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) और हायर पेंशन (Higher Pension) को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आती है। ईपीएस 95 (कर्मचारी पेंशन योजना 1995) के पेंशन से जुड़ी अफवाहें, गलत जानकारी या अधूरी जानकारी के कारण भ्रम की स्थिति बनी हुई है। पेंशनर्स इसको लेकर परेशान हो रहे हैं।
1. गलत सूचना का प्रभाव
YouTube पर सामग्री निर्माता बिना उचित शोध के सनसनीखेज विषयों पर वीडियो बनाते हैं।
दर्शकों का ध्यान खींचने के लिए अतिरंजित या भ्रामक दावे किए जाते हैं, जैसे “पेंशन में 15,000 तक का इज़ाफ़ा होगा” या “सभी पेंशनभोगियों के लिए फ़ायदा”।
2. सुप्रीम कोर्ट और सरकार के फैसलों की गलत व्याख्या:
ईपीएस-95 पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के कुछ फैसले आए हैं जो उच्च पेंशन के लिए पात्रता और प्रक्रिया पर स्पष्टता देते हैं। लेकिन, बहुत से लोग इसका गलत मतलब निकाल कर अफ़वाहें फेलाते हैं, जैसे कि “हर किसी की पेंशन अपने आप बढ़ जाएगी।”
3. जागरूकता की कमी:
बहुत से लोग ईपीएस-95 के वास्तविक नियम और अपडेट से अनजान हैं। जानकरी की कमी के कारण वो गलत है या अधूरी बातों पर विश्वास कर लेते हैं।
पेंशन बढोतरी तभी संभव है अगर किसी ने अपना ईपीएफ अंशदान “वास्तविक वेतन” के आधार पर किया हो और उच्च पेंशन के लिए आवेदन दिया हो।
4. क्लिकबेट सामग्री:
यूट्यूब क्रिएटर्स को ज्यादा व्यूज और सब्सक्राइबर्स की जरूरत होती है, इसलिए वो सनसनीखेज हेडलाइन्स का इस्तेमाल करते हैं, जैसे:”ईपीएस-95 पेंशन 10,000 से ज़्यादा!” “अब सबको मिलेंगे बड़े फ़ायदे!”लेकिन असली जानकारी वीडियो के अंदर मिलती भी है, तो वो अधूरी या अस्पष्ट होती है।
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5. वास्तविकता:
ईपीएस 95 पेंशन में बढ़ोतरी के लिए विशिष्ट शर्तें और सरकारी नीतियों का होना जरूरी है।
हर कर्मचारी उच्च पेंशन के लिए पात्र नहीं है। इसके लिए ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के विशिष्ट परिपत्र और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करना होता है। अभी तक कोई यूनिवर्सल पेंशन बढ़ोतरी का फैसला नहीं हुआ है।
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आप क्या कर सकते हैं:
आधिकारिक स्रोत जैसे कि ईपीएफओ वेबसाइट और प्रामाणिक सरकारी अधिसूचनाएं पर ही भरोसा करें। YouTube और सोशल मीडिया पर केवल प्रमाणित और अच्छी तरह से शोधित सामग्री को देखें। अगर आपको संदेह है, तो ईपीएफओ कार्यालय या प्रमाणित वित्तीय सलाहकारों से संपर्क करें। अफ़वाह फ़ैलाना एक समस्या है, और हमें इसे बचाने के लिए हमेशा सही जानकारी के ऊपर ही विश्वास करना चाहिए।
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