
- पेंशनर ने कहा-हमें अंशदायी भविष्य निधि में खोए पैसे का ब्याज भी नहीं मिल रहा है। हमने लगभग 20-30 लाख रुपये खो दिए हैं।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Pension) के खिलाफ एक बार फिर पेंशनभोगियों का गुस्सा नजर आया है। केंद्र सरकार और ईपीएफओ पर पेंशनर भड़के हुए हैं। न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए की मांग की जा रही है। लगातार 8 साल से आंदोलन चल रहा है। लेकिन, अब तक कोई रिजल्ट नहीं दिखा। पूरे आंदोलन पर पेंशनभोगी क्या बोल रहे हैं, इसे आप पढ़िए।
पेंशनभोगी Munukutla Nagendra Babu ने कहा-मेरा सुझाव है कि, हमारे NAC नेता सीधे प्रधानमंत्री से मिलने के लिए समय लें और न्यूनतम EPS 95 पेंशन में वृद्धि के लिए बात करें। पिछले 8 वर्षों से रखी जा रही समस्याओं को अवगत कराते हुए उनका आशीर्वाद लें। इस वर्तमान महत्वपूर्ण स्थिति में यही एकमात्र तरीका है। जरा सोचिये साहब।
वहीं, मुरलीधरन ने कहा-वास्तव में हमें अंशदायी भविष्य निधि में खोए पैसे का ब्याज भी नहीं मिल रहा है। हमने लगभग 20-30 लाख रुपये खो दिए हैं। यदि वे ईपीएस गणना प्रणाली को नहीं बदल रहे हैं और 70 से भाग देकर 70 को 55-60 नहीं कर रहे हैं। तभी हमें कोई लाभ मिलेगा, अन्यथा हमें कोई संशोधन वृद्धि नहीं मिलेगी। केवल बेकार वरिष्ठ नागरिकों को मूर्ख ही नहीं बल्कि खूनी मूर्ख बना रहे हैं।
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एक अन्य पेंशनर कौशल उप्पल ने कहा-मैं इन पृष्ठों पर बार-बार कह रहा हूं कि टीम एनएसी को एक बार फिर मोदी से मिलने का समय मांगना चाहिए और ईपीएस मुद्दे को बढ़ाना चाहिए।
कृष्णमूर्ति शंकरन ने कहा-प्रिय मित्रों, हमारे ईपीएफ अधिकारी और वित्त मंत्री ने पहले ही न्यूनतम पेंशन में वृद्धि पर विचार नहीं करने का फैसला किया है। आख़िरकार वे इसे बढ़ाकर 1500 रुपये ही करने का फ़ैसला कर सकते हैं।
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