
- लंबी अवधि के निवेशकों के लिए लाभार्थी या नामांकित व्यक्ति के लिए कोई प्रावधान नहीं है।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। Employees Pension Scheme 1995: कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत न्यूनतम पेंशन 7500 रुपए की मांग की जा रही है। मोदी सरकार और ईपीएफओ (EPFO) को लेकर काफी टिप्पणी पेंशनभोगी कर रहे हैं। आयेदिन यह बात भी उठती है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation (EPFO)) पेंशनर का पैसा वापस कर दे।
तरह-तरह की मांगों पर एक पेंशनभोगी ने सटिक जवाब दिया है। उनका कहना है कि ईपीएस पेंशन का भुगतान मूल राशि को मिलाकर किया जाता है, इसलिए पूंजी वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है। सरकार आपकी सेवानिवृत्ति तक आपके पेंशन योग्य वेतन का 1.16% ईपीएस में योगदान करके थोड़ी मदद करती है।
सरकार 1000 रुपए प्रति माह की न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) का भुगतान करने के लिए सब्सिडी देती है, क्योंकि एक्चुरियल मूल्यांकन के अनुसार ईपीएस घाटे में है। ईपीएस (EPS) क्रॉस सब्सिडी योजना है, जहां कुछ को दूसरों की तुलना में अधिक लाभ होता है।
ईपीएस ईपीएफ की तुलना में कम फायदेमंद है, क्योंकि ईपीएस में ईपीएफ की तरह कोई गारंटीकृत आय नहीं है। ईपीएस पेंशन का भुगतान मूल राशि को मिलाकर किया जाता है, इसलिए पूंजी वापस करने का कोई प्रावधान नहीं है।
व्यक्तिगत अंशदान पूल खाते में डूब जाता है और इसकी पहचान खो जाती है। ईपीएस ईपीएफ की तुलना में कम लाभकारी है, खासकर लंबी अवधि के निवेशकों के लिए क्योंकि चक्रवृद्धि ब्याज और पूंजी वृद्धि का लाभ खो जाता है और लंबी अवधि के निवेशकों के लिए लाभार्थी या नामांकित व्यक्ति के लिए कोई प्रावधान नहीं है। ये इस योजना के कुछ प्लस पॉइंट और माइनस पॉइंट हैं। कृपया इन पर ठंडे दिमाग से विचार करें और इसे बेहतर बनाने के तरीके सुझाएँ।
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