कर्मचारी पेंशन योजना 1995: जो लोग 10-20 ईपीएस 95 पेंशनर्स नहीं जुटा सकते, वही 27 राज्यों में चल रहे आंदोलन पर दाग रहे सवाल

Employees Pension Scheme 1995: Those who cannot gather 10-20 EPS 95 pensioners are the ones raising questions on the ongoing agitation in 27 states
NAC टीम कमांडर साहब के संगठन का पांच साल से काम देखने वाले ने खोले कई राज। संगठन के लिए कमांडर खर्च करते हैं खुद का पैसा।
  • गलत बयानबाजी से नाराज पेंशनर ने दिया चैलेंज। फालतू बाते बंद करो। कुछ अच्छा नहीं कर सकते तो बुरा मत करो…।

सूचनाजी न्यूज, पुणे। कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (Employee Pension Scheme 1995) को लेकर सियासत हो रही है। ईपीएस 95 पेंशन आंदोलन (EPS 95 Pension Movement) का समर्थन और विरोध भी। लोग घर से बाहर निकल रहे। धरना-प्रदर्शन और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे। वहीं, घर के अंदर बैठे लोग सोशल मीडिया पर आंदोलनकर्ताओं से ही सवाल पूछ रहे।

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पेंशनभोगी Vilas Ramchandra Gogawale ने कहा-कुछ लोग घर में बैठकर अंगुली उठाते हैं और टीका टिप्पणी करते हैं। उन्होंने कहा-मैं NAC टीम कमांडर साहब के संगठन का पांच साल से काम करता हूं। रोजाना चार घंटे संगठन के लिए वक्त देता हूं।

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संगठन बढ़ाने के लिए संघर्ष करता हूं। सभी आंदोलन मोर्चा अंशन में हिस्सा लेता हूं। हमें क्या तकलीफ होती है। यह घर में बैठने वाले नहीं सोचते। कमांडर साहब आज 27 राज्यों का नेतृत्व कर रहे हैं। रात- दिन घर द्वार छोड़कर पूरे देशभर में हमारे लिए घूमते हैं, उनको कितनी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। कमांडर साहब हमारे लिए संघर्ष करते हैं। हमें पता है,उनको सत्तर अस्सी हजार पेंशन है। इस पेंशन के पचास हजार रुपए हमारे लिए खर्चा करते हैं। यह हमने अपनी आंखों से देखा। पूरे 27 राज्यों में संपर्क करने के लिए संगठन को संघर्ष करने के लिए पैसा कम पड़ता है और लोग भी घर के बाहर नहीं निकलते। यह बहुत अफसोस की बात है और यह असलीयत है।

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विलास रामचंद्रा ने कहा-मुझे एक बात कहना है, जो लोग घर में बैठकर ताना मारते हैं। कुछ भी बाते करते हैं, वो घर के बाहर निकलें और सिर्फ 100 पेंशनर इकठ्ठा करें। मैं तुम्हारा नेतृत्व स्वीकार करुंगा, जो घर में बैठकर सोशल मीडिया में कमांडर साहब के खिलाफ लिखते हैं, चलो हिम्मत है तो तुम लोग आगे आओ सिर्फ अपने गली मोहल्ले के पेंशनर्स को सिर्फ दस बीस पेंशनर को इकठ्ठा करो। यह मेरा चैलेंज है। फालतू बाते बंद करो, तुम कुछ अच्छा नहीं कर सकते तो बुरा मत करो…।

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