Suchnaji

ईपीएस 95 उच्च पेंशन योजना का विकल्प चुनने वालों के साथ EPFO कर रहा Denial Of Justice…!

ईपीएस 95 उच्च पेंशन योजना का विकल्प चुनने वालों के साथ EPFO कर रहा Denial Of Justice…!
  • पेंशनभोगियों ने ईपीएफओ के उस फैसले पर सवाल उठाया था, जिसमें पेंशन योग्य वेतन की गणना के तरीके को पिछले 12 महीनों के औसत से बदलकर पिछले 60 महीनों के औसत से करने का फैसला किया गया था।

सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 हायर पेंशन (EPS 95 Higher Pension) की गणना को लेकर एक और बात पेंशनर्स के सामने आ रही है। ईपीएफओ (EPFO) पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में चल रहे मामलों का भी जिक्र किया गया है।

ये खबर भी पढ़ें : EPS 95 हायर पेंशन: अदालत को भरमाने में जुटा EPFO, Pro-Rata Basis पर पेंशनभोगियों से बेईमानी!

AD DESCRIPTION

पेंशन मामलों के जानकार पेंशनर्स कल्याण कुमार सिन्हा ने सूचनाजी.कॉम को बताया कि पेंशन गणना की विधि उन लोगों के लिए शुरू की गई थी, जिनका पेंशन फंड में योगदान ईपीएफओ द्वारा निर्धारित वेतन सीमा तक सीमित है।

ये खबर भी पढ़ें : पेंशनभोगी 80 वर्ष की आयु तक जीवित है तो पेंशन के रूप में मिलेंगे 83 लाख

अर्थात 31 अगस्त 2014 तक 6,500 रुपए और उसके बाद 15,000 रुपए। इसलिए, उनके पेंशन योग्य वेतन की गणना 31.08.2014 तक की अवधि के लिए 6,500 रुपए प्रति माह की वेतन सीमा तक और उसके बाद की अवधि के लिए 15,000 रुपए प्रति माह की वेतन सीमा तक अलग-अलग आनुपातिक आधार पर की जाएगी। यहां सेवा अवधि को दो वेतन सीमा अवधि के अनुसार दो भागों में विभाजित किया गया है।

ईपीएफओ द्वारा उन लोगों के लिए आनुपातिक आधार लागू करने के बाद व्यापक विरोध शुरू हो गया था, जिन्होंने अपनी पूरी सेवा अवधि के दौरान वास्तविक उच्च वेतन के आधार पर पेंशन फंड में योगदान दिया था।

ये खबर भी पढ़ें : EPS 95 Pension News: निवेश, आय, सब्सिडी और मुकदमेबाजी, EPFO से पेंशनर्स नहीं राजी

सर्वोच्च न्यायालय ने क्या कहा है

चूंकि उच्च पेंशन के लिए कोई आनुपातिक प्रावधान मौजूद नहीं था, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के मामले में यह विवाद का विषय नहीं था। पेंशनभोगियों ने ईपीएफओ के उस फैसले पर सवाल उठाया था, जिसमें पेंशन योग्य वेतन की गणना के तरीके को पिछले 12 महीनों के औसत से बदलकर पिछले 60 महीनों के औसत से करने का फैसला किया गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि उन्हें इसमें कोई खामी नहीं दिखती।

ये खबर भी पढ़ें : रिटायरमेंट के बाद Elimination के 4 चरण, ऐसे गुजारिए जिंदगी, खिलखिलाएगा चेहरा

सामान्य पेंशन योजना का सवाल

जहां तक सामान्य पेंशन योजना का सवाल है, दो अवधियों के लिए 2 अलग-अलग पेंशन योग्य वेतन सीमाएं हैं, यानी 1 सितंबर 2014 से पहले और बाद में. और यही सामान्य पेंशन की गणना के आनुपातिक आधार के पीछे तर्क है।

लेकिन उच्च पेंशनभोगियों के लिए, केवल एक पेंशन योग्य वेतन मौजूद है, जो बाहर निकलने से पहले 60 महीनों का औसत है। इसलिए, यह माना जा रहा है कि आनुपातिक आधार अतार्किक है और उच्च पेंशन योजना का विकल्प चुनने वालों के साथ न्याय से इनकार ( Denial of Justice) करता है।

ये खबर भी पढ़ें : EPS-95 पेंशनभोगी और परिजन बहुत दुखी, गुस्सा आया बाहर