- करीब 4 मिनट के वीडियो संदेश में अशोक राउत ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव का बहिष्कार पेंशनर्स नहीं करेंगे।
सूचनाजी न्यूज, छत्तीसगढ़। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) 1000 रुपए को बढ़ाकर 7500 रुपए करने का आंदोलन लोकसभा चुनाव में गुल खिलाने जा रहा है। मौजूदा सरकार से आक्रोशित पेंशनर्स ने दावा किया था कि वह नोटा का इस्तेमाल करेंगे। लेकिन, अब ऐसा नहीं होने जा रहा है। पेंशनर्स मतदान में हिस्सा लेंगे। चुनाव का बहिष्कार नहीं करेंगे। अपने पसंद के प्रत्याशी को वोट भी करेंगे।
लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। EPS 95 पेंशनभोगियों के आंदोलन को लीड करने वाली संस्था NAC के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत का वीडियो संदेश तेजी से वायरल हो रहा है।
करीब 4 मिनट के वीडियो संदेश में अशोक राउत ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव का बहिष्कार पेंशनर्स नहीं करेंगे। इसकी बकायदा अपील भी की गई है, ताकि आंदोलन और संगठन की गरिमा बनी रहे।
अशोक ने स्पष्ट रूप से कहा कि मैं न इधर की, न उधर की बात नहीं करूंगा। मेरे पास काफी फोन आ रहे हैं। देशभर से लोग फोन करके पूछ रहे हैं कि आखिर क्या करें। ईपीएस 95 पेंशन राष्ट्रीय संघर्ष समिति की दिल्ली मीटिंग में तय हुआ है कि चुनाव का बहिष्कार नहीं किया जाएगा।
पेंशन को बढ़ाने के लिए 8 साल तक आंदोलन
न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने के लिए 8 साल तक सबने बहुत मेहनत की। आंदोलन किया गया। लेकिन, कामयाबी नहीं मिल सकी। सब बहुत दुखी हैं।
किसी पार्टी ने वचन पत्र और घोषणा पत्र में पेंशनर्स का मुद्दा नहीं लिया है। ऐसे में हमको संगठन की गैर राजनीतिक पार्टी की पहचान को बरकार रखना है। किसको वोट देना है या नहीं, यह बात राष्ट्रीय कमेटी नहीं करेगी।
जामनगर से ईपीएस 95 पेंशन संघर्ष समिति के प्रत्याशी
वहीं, जामनगर से ईपीएस 95 पेंशन संघर्ष समिति (EPS 95 Pension Struggle Committee) के सदस्य विजय सिंह जडेजा चुनाव लड़ रहे हैं। इनके लिए तन-मन धन से मदद करने की अपील की गई है।
वहीं, कमांडर अशोक राउत ने यह भी कहा कि जो सांसद अब तक आंदोलन को मदद करते रहे हैं, उनकी मदद हम करेंगे। जिनहोंने मदद नहीं की है, उसका फैसला जिलाध्यक्ष लेंगे।
जिला कमेटी की मीटिंग लेगी फैसला
जिला कमेटी की मीटिंग में संगठित होकर फैसला लेने की बात कही गई है। इसके लिए सेंट्रल कमेटी कोई आदेश नहीं देगी। जिला कमेटी को तय करना है आगे कौन मदद करेगा? चुनाव में हमने सुना है कि लेन-देन की बात होती है।
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किसी के प्रलोभन में नहीं जाना है
हमको किसी के प्रलोभन में नहीं जाना है। हम गरीब है, स्वाभिमानी हैं। संगठन की गरिमा को बनाए रखें। आपको एक बात जरूर करनी है। चुनाव में हिस्सा लेना है। बहिष्कारर नहीं करना है। नोटा की तरफ नहीं जाना है। अच्छा प्रत्याशी चुनें। संगठन की गरिमा बनाए रखें। जो मदद किए हैं, उनकी मदद करें।