
- SAIL के 2 डायरेक्टर संग 29 अफसरों को सस्पेंड कराने वाले GM राजीव भाटिया का भी जबरन रिटायरमेंट, मैनेजमेंट फंसा, अब हाईकोर्ट में केस होगा।
- सेल में 800 करोड़ रुपए के घोटाले की शिकायत करने वाले जीएम को भी कंपनी से बाहर कर दिया गया है।
अज़मत अली, भिलाई। SAIL में Premature Retirement की प्रथा को एक बड़े स्कैम से जोड़कर देखा जा रहा है। सेल में 800 करोड़ रुपए के घोटाले की शिकायत करने वाले जीएम को भी कंपनी से बाहर कर दिया गया है। लोकपाल से शिकायत और जांच के बाद 29 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया था। सीबीआई जांच चल रही है। सेल से बाहर मामला ले जाने की सजा एक अधिकारी को मिल गई है।
सस्पेंड किए गए डायरेक्टर फाइनेंस एके तुल्सयानी समेत 29 अधिकारी बहाल कर दिए गए। लेकिन, शिकायतकर्ता फंस गए। दो ग्रेड खराब किया गया। लगातार सी ग्रेड मिला। सेल से जबरिया रिटायर किए गए 11 लोगों में शिकायतकर्ता जीएम राजीव भाटिया का नाम भी है।
राजीव भाटिया कोलकाता सीएमओ में बतौर जनरल मैनेजर कार्यरत रहे। जिन्हें अब कंपनी ने बाहर कर दिया है। 800 करोड़ रुपए के घोटाले, पूर्व चेयरमैन सोमा मंडल, सस्पेंड किए गए 29 अधिकारियों और जबरिया रिटायरमेंट के मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में केस करने जा रहे हैं। राजीव भाटिया कोलकाता छोड़ चुके हैं। अब दिल्ली में डेरा डालकर सेल प्रबंधन से दो-दो हाथ करने के मूड में आ गए हैं।
जानिए कौन हैं जीएम राजीव भाटिया, शिकायत के बाद मिला 2 सी ग्रेड
-दिल्ली से उच्च शिक्षा लेने के बाद साल 1994 में राजीव भाटिया ने सेल को ज्वाइन किया।
-सीएमओ चंडीगढ़ ब्रांच से सेवा शुरू की। इसके बाद ब्रांच आफिस मुंबई, फरीदाबाद, लुधियाना, गाजियाबाद, दिल्ली होते हुए 2021 में कोलकाता सीएमओ आफिस में ट्रांसफर होकर आए।
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-राजीव भाटिया के करीबियों ने सूचनाजी.कॉम से कहा-सेल प्रबंधन ने बदला लिया है। लोकपाल से शिकायत करने पर राजीव को निकालना था, इसलिए बाकी 10 को बहाना बनाया गया है।
-सेल प्रबंधन के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में केस फाइल करने जा रहे हैं।
-खास बात यह है कि राजीव भाटिया का प्रमोशन समय पर होता रहा। नवंबर 2022 में सेल में भ्रष्टाचार की शिकायत लोकपाल से की।
-इसके बाद से सी ग्रेड देने का सिलसिला शुरू हो गया। मई 2024 में भी सी ग्रेड दिया गया। आज तक विजिलेंस इंक्वायरी तक नहीं हुई है।
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सेल प्रबंधन, भ्रष्टाचार, लोकपाल और राजीव भाटिया के केस को ऐसे समझिए
-बताया जा रहा है कि सेंट्रल मार्केटिंग आर्गनाइजेशन-सीएमओ में बतौर जीएम राजीव भाटिया ने कई भ्रष्टाचार के मामले को पकड़ा। 17 नवंबर 2022 को इसकी शिकायत पूर्व चेयरमैन सोमा मंडल और डायरेक्टर कॉमर्शियल वीएस चक्रवर्ती से ई-मेल के माध्यम से की थी।
-आरोप है कि सेल प्रबंधन शिकायतों को नजर अंदाज करता गया। कई बार उच्च प्रबंधन के संज्ञान में मामला लाने के बाद जब कोई एक्शन नहीं हुआ तो राजीव भाटिया लोकपाल पहुंच गए। शिकायतों की फाइल सौंपी।
-इस बात से भड़के सेल प्रबंधन ने 24 नवंबर 2022 को राजीव को सस्पेंड कर दिया।
-12 जनवरी 2023 को लोकपाल एक्शन में आया। जांच की और एक साल बाद 12 जनवरी 2024 को आदेश दिया। जिसके आधार पर 2 डायरेक्टर संग 29 अधिकारी सस्पेंड किए गए। इनमें एक एनएमडीसी के अधिकारी भी थे, जो पूर्व में सेल में कार्यरत थे।
-लोकपाल ने पूरे मामले को सीबीआई को सौंपा। इस बीच राजीव भाटिया के सस्पेंशन को रद्द कर दिया गया। 28 सितंबर 2023 को वापसी हो गई। 10 माह तक सस्पेंड रहे।
-सेल में राजीव की वापसी हुई, लेकिन पेनाल्टी लगा दी गई। पे कम कर दिया गया है। नौकरी काल तक 70 लाख तक नुकसान का इंतजाम कर दिया गया।
-लोकपाल ने आदेश दिया था कि सीबीआई की इंक्वायरी होगी। सीबीआई ने 10 अक्टूबर 2024 को एफआइआर दर्ज की। सीबीआई की इंक्वायरी चल रही है। राजीव भाटिया का बयान हो चुका है।
-सीबीआई अब तक 17 अफसरों को बुलाकर पूछताछ कर चुकी है।
-सीबीआई में सोमा मंडल के खिलाफ शिकायत है। इसको लेकर सोमा मंडल हाईकोर्ट चली गईं। हाईकोर्ट से स्टे लिया है, ताकि सीबीआई जांच न हो।
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800 करोड़ का भ्रष्टाचार क्या है
शिकायतकर्ता राजीव भाटिया की ओर से लोकपाल में की गई शिकायत के मुताबिक सस्ते दामों पर ब्लूम बेचा गया है। यह माल करीब साढ़े 300 करोड़ का बताया जा रहा है। करीब 400 करोड़ का एक अन्य मामला है। प्राजेक्ट के नाम पर ट्रेडर्स को माल बेच दिया गया। नवंबर 2022 में राजीव भाटिया की शिकायत के बावजूद प्राजेक्ट के नाम पर ट्रेडर्स को माल बेचने का सिलसिला थमा नहीं।