गंगा-जमुनी तहज़ीब: भिलाई स्टील प्लांट के पूर्व कार्मिक अतहर अफज़ल ने दान की मंदिर को अपनी जमीन, मुहब्बत का पैगाम

Ganga-Jamuni Tehzeeb: Former Bhilai Steel Plant employee Athar Afzal donated land for the temple
SAIL BSP के पूर्व कार्मिक ने धर्म और आस्था के प्रति सम्मान करते हुए श्रद्धालुओं की मांग पर अपनी जमीन को दान किया है।
  • दान पत्र तैयार कराया और कानूनी प्रक्रिया के तहत इसे मूर्त रूप दिया, ताकि भविष्य किसी तरह का कोई विवाद न हो सके।

अज़मत अली, भिलाई। नफरत की आंधी में देश का मिज़ाज कुछ अलग दिशा में ही बह रहा है। यह किसी से छुपा नहीं है। धर्म और आस्था की बात आए तो मज़हब की दीवार भी ढह जाती है। इसे अतहर अफज़ल ने साबित कर दिखाया है।
यह खबर गंगा-जमुनी तहज़ीब की नज़ीर पेश कर रही है। आपको सोच कर हैरानी होगी कि आखिर कोई नमाजी अपनी जमीन मंदिर के लिए दान कर सकता है? जी हां, ऐसा ही हुआ है। भिलाई स्टील प्लांट के आक्सीजन प्लांट 2 के इंस्ट्रूमेंशन डिपार्टमेंट से 2019 में रिटायर्ड अतहर अफज़ल ने अपनी जमीन मंदिर निर्माण के लिए दान की है।

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धर्म और आस्था के प्रति सम्मान करते हुए श्रद्धालुओं की मांग पर अपनी जमीन को दान किया है। इतना ही नहीं, बकायदा मंदिर निर्माण कार्य के भूमि-पूजन में भी शामिल हुए। वहीं, दूसरे पक्ष ने बैनर लगाया, जिस पर अतहर अफजल की फोटो समिति के सदस्यों के साथ शामिल किया। यह देखने वालों को कुछ अजीब लगा, लेकिन सच्चाई और धर्म के प्रति आस्था का जीता-जागता सबूत देखकर हर तरफ तारीफ हो रही है।

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बड़ वाले बाबा मंदिर की ऐसे पड़ी नींव

मंदिर के लिए जमीन दान करने वाले अतहर अफज़ल के मुताबिक जिला सिहोर के तहसील रेहटी गोंड़ी गोड़ारिया रोड पर उनका खेत है। सौ साल पुराने खेत से होते हुए गांव का रास्ता जाता है। खेत पर बरगद का सैकड़ों साल पुराना पेड़ है। गांव वाले करीब 15 साल पहले आए और अनुमति मांगी कि उन्हें पेड़ पर पूजा करने की अनुमति मिल सकती है क्या? बरगद के प्रति गांव वालों की आस्था को देखते हुए उन्होंने गले लगाया और अनुमति दे दी।

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फिर क्या, हर साल यहां किसी न किसी अवसर पर पूजा-पाठ होती रही। बरगद का इतना महत्व है कि सिहोर के अलावा आसपास के जिलों से भी भक्तों का आना शुरू हो गया। गांव वालों की आस्था को देखते हुए अतहर साहब ने अपनी जमीन को दान करने का फैसला लिया। 12 बाई 12 फीट की जमीन को मंदिर निर्माण के लिए दान कर दिया। इसके लिए दान पत्र तैयार कराया और कानूनी प्रक्रिया के तहत इसे मूर्त रूप दिया, ताकि भविष्य किसी तरह का कोई विवाद न हो सके।

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बड़ वाले बाबा मंदिर निर्माण समिति

मरहूम अफज़ाल हुसैन के पुत्र अतहर अफजल के प्रति गांव वालों का व्यवहार काबिल-ए-तारीफ है। अब मंदिर समिति गठित हो चुकी है। बड़ वाले बाबा मंदिर निर्माण समिति की कमान परिहार राम स्वरूप मौर्या, इमरत लाल गहलोत, छोले लाल धुर्वे, शांतिलाल यादव, सुशीला बाई ठाकुर, दिलीप धुर्वे, कैलाश भारतीय, लल्लू कक्का यादव बाबई, सुभाष कुमार परेवा के हाथों में है। नंदीगढ़ धाम नर्मदापुरम के संयोजन में निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। कार्य प्रगति पर है। बकायदा बोरिंग तक कराया जा चुका है।

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