
- यदि केंद्र सरकार द्वारा कोई निर्णय लिया जाता है, तो सितंबर 2014 के पूर्व और बाद के सेवानिवृत्त लोगों के लिए गणना क्या होगी?
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organization ) और केंद्र सरकार को साधने का कोई मौका पेंशनभोगी छोड़ नहीं रहे हैं। ईपीएस 95 न्यूनतम पेंशन (EPS 95 Minimum Pension) 7500 रुपए चाहिए। वर्तमान में 1000 रुपए न्यूनतम पेंशन मिल रही है, जिससे परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल है।
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पेंशनभोगी Munukutla Nagendra Babu का कहना है कि मौजूदा न्यूनतम पेंशन अब 1000 रुपये प्रति माह है। यदि सरकार भगवान की कृपा से 7,500 प्रति माह बढ़ाने का निर्णय ले तो अनुपात सूत्र क्या होगा। यानी किसी को 1000 से नीचे और किसी को 1000 से ऊपर 5000 प्रति माह तक मिल रहा है। कृपया अब वह फार्मूला बताएं, जिसका पालन ईपीएफओ अधिकारी करेंगे। ईपीएफओ से यह जानकारी भी लेनी चाहिए, ताकि मन को संतुष्टि मिल सके।
एक अन्य पेंशनभोगी शेखरमंत्री आदिनारायण ने कहा-कृपया भ्रमित न हों, सरकार कभी भी न्यूनतम पेंशन नहीं बढ़ाएगी और कोई भी इसके प्रभाव की गणना करके तनाव नहीं ले सकता।
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बिनय दाश बोले-यदि केंद्र सरकार द्वारा कोई निर्णय लिया जाता है, तो सितंबर 2014 के पूर्व और बाद के सेवानिवृत्त लोगों के लिए गणना क्या होगी?
दूसरी ओर एक पेंशनभोगी ने कहा-यहां तक कि एनएसी के नेता भी अतार्किक आधार पर उच्च पेंशन के लिए तर्क देते हैं, जो मौजूदा नियमों और स्वीकृत लेखांकन सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है।
उदाहरण के लिए, पेंशन फंड से आने-जाने के आधार पर न्यूनतम पेंशन में वृद्धि, यह जानते हुए कि कुल ईपीएस सदस्यों में से केवल 3% या तो पेंशनभोगी हैं और शेष अभी सेवानिवृत्त होने वाले हैं और ईपीएस कॉर्पस भी उन्हीं का है।
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पेंशनर रामकृष्ण पिल्लई ने 26 जनवरी को याद किया। कहा-यह संविधान दिवस है। क्या आपने इसे पूरा पढ़ा है तथा आपके व्यक्तिगत जीवन और आपकी भावी पीढ़ियों पर इसके प्रभाव को देखा है। क्या आप इससे संतुष्ट हैं? यदि नहीं, तो इसे अब अपनी भाषा में पढ़ें।
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