
- वृद्ध पेंशनभोगियों, जिनका वेतन और पेंशन योग्य वेतन सेवानिवृत्त होने पर कम था। उनको सब्सिडी से न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर राहत दें।
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। पेंशनभोगी दया भट्ट का कहना है कि न्यूनतम पेंशन मुद्दे में लोचा है, क्योंकि एनएसी 7500-8000-9500+डीए+मेडिकल की मांग कर रही है। लेकिन सभी फ्रंटल श्रमिक संगठनों ने न्यूनतम 5000 रुपये की सीमा तय कर दी है। इसलिए सरकार इसे स्थगित कर देगी। आपसी सहमति से इसे 1000 तक बढ़ाया जा सकता है और 2000 रुपये न्यूनतम पेंशन की पेशकश की जा सकती है।
पेंशनभोगी रामकृष्ण पिल्लई ने कहा-मैं हिमाचल प्रदेश की एक सीमेंट फैक्ट्री में यूनियन लीडर था। हमने उस समय इस योजना का विरोध किया था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फिलिप्स वर्कर्स यूनियन सुप्रीम कोर्ट गई, लेकिन कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
इस प्रकार यह हम पर थोपा गया, जो कि दीर्घ अवधि के निवेश के लिए ईपीएफ से भी कमतर योजना है, जैसे कि 15+ साल। अल्पावधि निवेशकों को इस योजना में अपने निवेश के संदर्भ में नुकसान नहीं उठाना चाहिए। क्या किया जा सकता है। सरकार को इस योजना में संशोधन करना चाहिए। भविष्य के पेंशनभोगियों के लिए वर्षों में मुद्रास्फीति और वेतन वृद्धि को ध्यान में रखते हुए।
वृद्ध पेंशनभोगियों, जिनका वेतन और पेंशन योग्य वेतन सेवानिवृत्त होने पर कम था, को सरकारी सब्सिडी के साथ न्यूनतम पेंशन बढ़ाकर कुछ राहत दी जानी चाहिए। जिनकी पेंशन एक निश्चित सीमा से कम है, उन्हें केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा वृद्धावस्था पेंशन दी जानी चाहिए। चाहे उनका निवास स्थान कोई भी हो। आयकर दाता, यदि कोई हो, को बाहर रखा जा सकता है।
ये खबर भी पढ़ें: EPS 95 Pension News: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कोई ये सवाल क्यों नहीं करता…?
वहीं, पीके कपूर ने कहा-मुझे ईपीएस पेंशनर्स प्रणाली के पक्ष में भारी बदलाव होना चाहिए। यह प्रस्ताव अभी भी पाइप लाइन में है, क्योंकि कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। अंतिम निर्णय तभी लिया जाएगा जब यह घोषित हो जाएगा कि पेंशनरों को अमुक तारीख से कितनी बढ़ोतरी की गई है और अमुक दिन की घोषणा की जानी चाहिए।