- वक्ताओं ने कहा कि यह सरकार समग्र रूप से मेहनतकश लोगों के जीवन और आजीविका पर लगातार बार-बार हमले कर रही है।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों (United Kisan Morcha and Central Trade Unions), राष्ट्रीय फेडरेशनों के आह्वान पर 16 फरवरी 2024 को मजदूर विरोधी, किसान विरोधी एवं राष्ट्र विरोधी विनाशकारी नीतियों के खिलाफ औद्योगिक एवं ग्रामीण बंद के साथ-साथ कन्वेंशन हो रहा है।
बड़े पैमाने पर देशव्यापी लामबंदी के समर्थन में आज भिलाई में संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर मजदूर कन्वेंशन का आयोजन किया गया, जिसमें इंटक, एटक, सीटू, एक्टू, एचएमएस, स्टील वर्कर्स यूनियन, लोईमु, छत्तीसगढ़ किसान सभा, सेवानिवृत कर्मचारी संघ के साथी उपस्थित हुए।
हर वर्ग को ठगा है केंद्र सरकार ने
वक्ताओं ने कहा कि यह सरकार समग्र रूप से मेहनतकश लोगों के जीवन और आजीविका पर लगातार बार-बार हमले कर रही है। विभिन्न कानून, कार्यकारी आदेशों और नीतिगत अभियानों के माध्यम से आक्रामक रूप से श्रमिक विरोधी, किसान विरोधी और जन विरोधी कदम उठा रही है। यह संवैधानिक रूप से चुनी हुई राज्य सरकारों के अधिकारों को नकार रही है यह लोगों के विभिन्न वर्गों के सभी लोकतांत्रिक दावों और असहमति की सभी आवाजों को दबा रही है।
ये खबर भी पढ़ें : भिलाई स्टील प्लांट के इन अधिकारियों-कर्मचारियों को मिला ये स्पेशल अवॉर्ड
संवैधानिक संस्थाओं का संप्रदायीकारण करने प्रशासनिक प्राधिकारियों और एजेंसियो का पूरी तरह से दुरुपयोग करने की खतरनाक योजना को जारी रखे हुए हैं मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला जारी है। कानून का धज्जियां उड़ाया जा रहा है जिससे कानून और व्यवस्था पर लोगों का भरोसा कम हो रहा है।
चारों श्रम संहिताओं को निरस्त करो
वक्ताओं ने कहा-इस सरकार ने 2014 में ही देश के श्रम कानून को खत्म कर उसे चार श्रम संहिताओं में बदलने का काम शुरू किया जिसके चलते अधिकांश मलिको ठेकेदारों को इन श्रम कानून के पालन से ही छूट मिल गई 29 श्रम कानून को मर्ज करके चार श्रम संहिताओं में बदलने के चलते कर्मियों को मिलने वाले श्रम अधिकारों पर ही कटौती हो गई है। इम्प्लाइमेंट एक्ट, फैक्ट्री एक्ट में बदलाव किया गया। महिलाओं को रात्रि पाली में ड्यूटी करने कर्मियों को 11 से 12 घंटे का कार्य दिवस जैसे कानून को पारित किया गया।
ये खबर भी पढ़ें : SAIL NEWS: ठेका श्रमिकों से NJCS यूनियन ने किया छल
सी2 + 50% फॉर्मूले पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करें
कन्वेंशन में चर्चा करते हुए कहा गया कि केंद्र सरकार ने किसानों को गुलाम बनाने के लिए तीन कृषि कानून पेश किया था। इसके खिलाफ किसानों के संयुक्त मोर्चा ने 1 साल की लंबी लड़ाई लड़कर उन तीनों कृषि कानून को वापस करवाया एवं किसानों को सी2 + 50% फॉर्मूले पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की मांग रखी, जिसे इस सरकार ने लागू करने का आश्वासन दिया था। किंतु 2 साल बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है इसीलिए किसान फिर से दिल्ली में लाम बंद होना शुरू हो गए हैं।
ये खबर भी पढ़ें : EPS 95 Pension News: पेंशनर्स को बड़ा झटका, चुनाव में देंगे गच्चा
यह है सी2 + 50% फार्मूला
सी2+50% फॉर्मूले के तहत किसानों द्वारा बीजों, उर्वरको, कीटनाशकों, सिंचाई, किराए पर श्रम, किराए पर मशीनरी, वैधानिक पारिवारिक श्रम की लागत तथा अपनी जमीन के मूल्य का हिस्सा और निश्चित पूंजी पर ब्याज को शामिल करके जो लागत आएगी, उस पर 50% जोड़कर जो मूल्य निर्धारण होगा। वह सी2 + 50% फॉर्मूले के तहत उसे जमीन पर पैदा हुए कृषि उत्पादन का न्यूनतम समर्थन मूल्य होगा।
16 फरवरी को होगा बोरिया गेट पर प्रदर्शन
संयुक्त यूनियनों ने तय किया कि 16 फरवरी को अखिल भारतीय स्तर पर हो रही विरोध कार्रवाइयों के समर्थन में बोरिया गेट में सुबह 8:00 से 9:00 बजे तक प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें संयंत्र में कार्यरत श्रमिक साथियों के अलावा बड़े तादाद में संघर्षरत साथियों को इसमें उपस्थित होने की अपील की गई।
ये खबर भी पढ़ें : Durg पहुंचे CM विष्णु देव साय, 25-50 लाख का तोहफा