Labor Day 2025: महिला मजदूर ने खून से सने आंचल को झंडे के रूप में फहराया, तभी से…

  • लोकतांत्रिक इस्पात एवं इंजीनियरिंग मजदूर यूनियन लोईमू,छत्तीसगढ़ मातृशक्ति संगठन का आयोजन।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। मजदूर दिवस पर भिलाई स्टील प्लांट के कर्मचारियों ने बोरिया गेट पर नारेबाजी की। लोकतांत्रिक इस्पात एवं इंजीनियरिंग मजदूर यूनियन लोईमू,छत्तीसगढ़ मातृशक्ति संगठन के द्वारा 1 मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस भिलाई इस्पात संयंत्र के बोरिया गेट में श्रमिकों के अभिवादन के द्वारा मनाया गया। महासचिव सुरेंद्र मोहंती, राजेंद्र सिंह परगनिहा के नेतृत्व में मजदूरों को एकजुट होने की अपील की गई।

1 मई 1886 को अमेरिका के शिकागो शहर में हेय मार्केट में हजारों की संख्या में मजदूरों द्वारा इकट्ठा होकर 8 घंटे का कार्य दिवस की मांग शांतिपूर्वक तरीके से कर रहे थे, क्योंकि उद्योगों के मालिक और पूंजी पत्तियों के द्वारा श्रमिकों के श्रम का शोषण काम के घंटे को बढ़ाकर किया जा रहा था। पूंजी पत्तियों के इशारे पर आंदोलन को तोड़ने के लिए पुलिसिया दमन के द्वारा हजारों की संख्या में लोगों को हताहत किया गया।

हेय मार्केट मजदूरों के खून से लाल हो गई। एक महिला साथी ने अपने लाल खून से सने आंचल को झंडे के रूप में फहराया और तभी से मजदूरों के संघर्ष का प्रतीक यह लाल झंडा बन गया।
सुरेंद्र मोहंती ने कहा-वैसे तो कार्य घंटे को सीमित करने के लिए 1850 के दशक में ही यूरोप और पूरे विश्व में आंदोलन शुरू हो गया था। 1866 में इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली एवं सभी मजदूर संगठनों ने अपने हक और अधिकार के लिए 24 घंटे को 8 घंटे कार्य दिवस, 8 घंटे आराम, और 8 घंटे मनोरंजन के लिए विभाजित किया।

इसके पहले कार्य दिवस में घंटे की समय सीमा नहीं थीऔर लगातार संघर्षों के बाद 1887 में 8 घंटे का कार्य दिवस सभी उद्योगों के लिए मानक बन गया। इसलिए 1 मई को मजदूरों के विजय दिवस रूप में मनाया जाता है। लेकिन वर्तमान सरकार अपने चार श्रम कोड  संहिता के माध्यम से फिर से कार्य दिवस को 12 घंटे करने जा रही है और कई पूंजीपति भी साप्ताहिक कार्य दिवस को 70 घंटे या 90 घंटे करने की वकालत कर रहे हैं।

इसलिए आज सभी मजदूरों को अपने प्रमुख कार्यभार के रूप में लेते हुए संगठित होकर संघर्ष करना होगा जो हमारे पूर्वजों ने अपनी शहादत के माध्यम से हमें अधिकार दिए हैं, उसको संजोय रखना हमारा परम कर्तव्य है।

आज शासक वर्ग के द्वारा श्रमिकों को जाति और धर्म में बांट कर रखा गया है। अतः हमें वर्गी चेतना से लैस होकर संघर्ष को तेज करना होगा। इसी अभिवादन के साथ सभी श्रमिकों को अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस अमर रहे।