SAIL BSP हादसे में कटा था पैर: अब भूखमरी की नौबत, केस वापस लेने का दबाव

Leg was amputated in SAIL BSP accident, victim's letter to Deputy Director Health and Safety
दोषियों पर कार्रवाई हो और छतिपूर्ति एवं जीवकोपार्जन के साधन को सुनिश्चित किया जाए, क्योंकि भिलाई इस्पात संयंत्र मुख्य नियोक्ता है।
  • उल्टे मुझे एवं मेरे साथियों को लगातार परेशानी झेलनी पड़ रही है।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। सेल के भिलाई स्टील प्लांट (SAIL – Bhilai Steel Plant) में पिछले साल एक भयानक हादसा हुआ था। रेल मिल में मजदूर के पैर में गंभीर चोट लगी थी, जिसकी वजह से पैर को काटना पड़ा। एक साल बीत गया, लेकिन पलटकर कोई झांकने तक नहीं गया कि परिवार का भरण-पोषण कैसे चल रहा है।

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लेकिन, अधिकारी केस को वापस लेने का लगातार दबाव डालते रहते हैं। परिवार के हालात इतने खराब हो चुके हैं कि 11वीं में पढ़ रहे लड़की की पढ़ाई को छोड़वा दिया गया है। पढ़ाई को अधूरी छोड़ लड़का कमाने में जुट गया है। इलाज का खर्च जुटाया जा रहा है।

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एक पैर कटवा चुके मजदूर ने अब डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ एंड सेफ्टी से शिकायत की है। गंभीर आरोप लगाए गए हैं। अब देखना यह है कि बीएसपी प्रबंधन या डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ (BSP Management or Deputy Director Health) की तरफ से क्या कदम उठाए जाते हैं।

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पढ़िए पीड़ित मजदूर ने क्या लिखा है पत्र में

-मैं रामसनेही गुप्ता ठेका मजदूर के रूप में भिलाई इस्पात संयंत्र के रेल मिल लॉन्ग रेल हैंडलिंग एरिया के मैकेनिकल में कार्यरत था।

-23 जनवरी 2024 को दोपहर लगभग 2:00 के आसपास हम तीन साथी रोल चेंज का काम कर रहे थे, उसी दरमियान लॉन्ग रेल आकर मेरे पैर से टकराया, जिसका हमें कोई आभास नहीं था।

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-हमे बताया गया कि शटडाऊन लेकर हमे काम पर भेजा गया है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया था। जिसमें मेरा बाया पैर कट गया, जिसे इलाज के दौरान घुटने से नीचे तक काट कर अलग कर दिया गया और मेरे एक अन्य साथी को भी पैर में चोट लगी थी।

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-दुर्घटना के बाद से ना ही मुझे नियमित रूप से वेतन मिल रहा है। ना ही नियमित रूप से ESIC का पैसा मिल रहा है।

-ठेकेदार द्वारा भी नियमित रूप से कोई राशि नहीं दी जा रही है। साथ ही साथ भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा भी कोई राशि नहीं दी गई है और ना ही मुझे मेरे पैर कटने के ऐवज में कोई क्षतिपूर्ति राशि दी गई है।

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-मुझे संयंत्र के कुछ संवेदनशील लोगों द्वारा चंदा कर कुछ राशि कभी-कभी मेरे फोन करने पर मेरे अकाउंट में खाने-पीने के लिए दिया जाता था।

-इस दरमियान मैंने बहुत कष्ट झेले, भूखों मरने की स्थिति आई, क्योंकि इलाज के लिए तो भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel Plant) द्वारा व्यवस्था की गई थी, लेकिन पैर काटने की वजह से मुझे बेहतर भोजन की आवश्यकता रहती थी, जिसकी पूर्ति करना हम जैसे गरीबो के लिए बहुत मुश्किल था।

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-इसके बाद ना ही मुझे कोई काम दिया जा रहा है। ना ही मेरे आश्रित को कोई काम दिया जा रहा है। कुल मिलाकर मेरी स्थिति एकदम दयनीय है।

शिकायत वापस लेने के लिए लगातार दबाव

डिप्टी डायरेक्टर हेल्थ एंड सेफ्टी से आग्रह किया गया है कि दया करें। रामसनेही ने कहा-आगे का मेरा जीवन कैसे चलेगा। उल्टे मुझे यह जानकारी प्राप्त हो रही है कि मेरा पैर काटने के बाद भट्टी थाने में शिकायत दर्ज हुई थी मुझे प्रबंधन के एक अधिकारी ने फोन कर कहा आप कंप्लेंट वापस ले लीजिए।

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मेरे पास मरने के सिवा कोई चारा नहीं

जीवकोपार्जन का कोई स्थाई समाधान नहीं है। और उल्टे कंप्लेंट वापस लेने को कहा जा रहा है। जून के बाद से ESIC का पैसा भी नहीं मिला है। मजदूर ने कहा-मेरे पास मरने के सिवा कोई चारा नहीं, क्योंकि मैं चाह कर भी कहीं कोई काम नहीं कर सकता हूं। एक पैर से अपंग हूं। मुझे किसी सहारे की जरूरत है।

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हादसे के बाद किसी पर कोई एक्शन तक नहीं

मजदूर ने कहा-मुझे न्याय दिलाया जाए और जिनके द्वारा दुर्घटना हुई है, उन पर भी कोई कार्यवाही सुनिश्चित नहीं हुई है। उल्टे मुझे एवं मेरे साथियों को लगातार परेशानी झेलनी पड़ रही है। दोषियों पर कार्रवाई हो और छतिपूर्ति एवं जीवकोपार्जन के साधन को सुनिश्चित किया जाए, क्योंकि भिलाई इस्पात संयंत्र मुख्य नियोक्ता है।

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