
- प्रार्थी चाहता है कि जनभावना का ख्याल रखते हुए प्राचार्य को तत्काल बर्खास्त कर नए प्राचार्य की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। डीपीएस भिलाई (DPS Bhilai) को लेकर एक और हैरान करने वाली खबर है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत स्टील एजुकेशन सोसाइटी भिलाई इस्पात संयंत्र से आरटीआई एक्टीविस्ट सीवी भगवंत राव ने सवाल पूछे।
स्टील एजुकेशन सोसाइटी भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा संचालित स्कूल दिल्ली पब्लिक स्कूल भिलाई के प्राचार्य प्रशांत वशिष्ठ के 60 वर्ष पूर्ण होने, सेवानिवृत्त के बाद भी आखिर किस नियम के अंतर्गत उनको एक्सटेंशन दिया गया?
इस पर उन्होंने 9 सितंबर 2024 को लिखित आवेदन पत्र के द्वारा स्टील एजुकेशन सोसाइटी से जानकारी मांगी थी। स्टील एजुकेशन सोसाइटी ने आवेदन कर्ता को 10 अक्टूबर 2024 को लिखित जवाब दिया। इसमें लिखा कि स्टील एजुकेशन सोसाइटी भिलाई इस्पात संयंत्र सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत नहीं आती।
अतः हम कोई जवाब नहीं दे सकते। इसके बाद भगवंत राव ने 11 नवंबर 2024 को पुनः इसकी अपील की। संदीप माथुर-मुख्य महाप्रबंधक, प्रथम अपीलीय अधिकारी को एक अपीलीय पत्र लिखा। जिसका जवाब कनिष्ठ अधिकारी ( कार्मिक) एवं जन सूचना अधिकारी के . सुपर्णा ने बताया कि जो जानकारी मांगी गई है वह हमारे कार्यालय से संबंधित नहीं है।
वहीं, प्रार्थी का कहना है कि तर्कहीन, भ्रामक जवाब से असंतुष्ट हैं। दिल्ली पब्लिक स्कूल भिलाई को नियंत्रित और संचालित करने वाली संस्था स्टील एजुकेशन सोसाइटी के पास उक्त जानकारी नहीं होगी तो किसके पास होगी?
उन्हें लगता है कि प्राचार्य के एक्सटेंशन में भिलाई इस्पात संयंत्र (Bhilai Steel plant) के अधिकारियों की मिली भगत है या कोई गहरा खेल खेला जा रहा है? आखिर किस नियम या सेवा शर्तों के हवाले से दिल्ली पब्लिक स्कूल भिलाई के प्राचार्य को सेवा वृद्धि दी गई है।
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आरोप यह भी है कि 11 वर्षों की उनकी नौकरी हमेशा विवादों में घिरी रही है। ऐसे विवादित प्राचार्य को नियमानुसार एक्सटेंशन नहीं दिया जाना चाहिए था। अतः प्रार्थी यह चाहता है कि जनभावना का ख्याल रखते हुए प्राचार्य को तत्काल बर्खास्त कर नए प्राचार्य की भर्ती प्रक्रिया अतिशीघ्र प्रारंभ करनी चाहिए।