
- यूनियन ने जानकारी दी कि NJCS पर भी कई सवाल उठे।
सूचनाजी न्यूज, झाखंड। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड-सेल (Steel Authority of India Limited-SAIL) के झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस (Jharkhand Group of Mines) में बायोमेट्रिक को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है। सहायक श्रम आयुक्त केंद्रीय चाईबासा के पास 16 मई को बायोमेट्रिक मुद्दे पर सुनवाई बेनतीजा रही।
सुनवाई में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरु ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली certifying officer के प्रमाणन के पश्चात ही किरीबुरु खदान मे लागू हो। किरीबुरु खदान के स्टैंडिंग ऑर्डर में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली से उपस्थिति दर्ज कराने का कोई प्रावधान नहीं है।
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इसे संसोधन के पश्चात ही लागू किया जाए। स्टैंडिंग ऑर्डर कर्मचारियों का संबिधान है और संबिधान कहता है किसी भी नई प्रणाली को अपनाने के लिए संविधान की धाराओं में संसोधन की व्यवस्था है, तो प्रबंधन संसोधन क्यों नहीं करना चाहता है? और इसे लागू करना चाहता है।
बोकारो में और भिलाई में इसे बिना संसोधन लागू कर दिया गया है, जिसका नतीजा आज भी वहाँ कार्य कर रहे कर्मचारी भुगत रहे हैं। आज तक बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली ठीक नहीं हो सका। लोग attendance के पश्चात अधिकारियों के पीछे दौड रहे हैं।
यूनियन ने जानकारी दी कि NJCS पर भी कई सवाल उठे। परंतु सभी important सवाल में no comment बोल कर जवाब नहीं दिया गया। किसी भी संस्था मे कार्य करने वाले कर्मचारी अथवा अधिकारी के लिए उपस्थिति दर्ज करना अनिवार्य है। उपस्थिति, वेतन और सुरक्षा से संबंधित होता है और सुरक्षा से कोई compromise नहीं किया जा सकता है।
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अभी Manual प्रणाली से उपस्थिति दर्ज किया जा रहा है। इसे मशीनरी प्रक्रिया में तब्दील किया जा रहा है तो प्रबंधन को पहले बायोमेट्रिक को स्टैंडिंग ऑर्डर मे संसोधन करना चाहिए, पर प्रबंधन इसे नहीं कर रहा है।
चर्चा में झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरु की ओर से केंद्रीय अध्यक्ष रमा पाण्डे, उपाध्यक्ष बुधन सिंह कुंकल, महामंत्री राजेंद्र सिंधिया, संयुक्त महामंत्री सुनील कुमार पासवान, संगठन सचिव लखन चामपिया, सदस्य प्रेम कुमार ने भाग लिया।
प्रबंधन की ओर से उप महाप्रबंधक मानव संसाधन अमित विश्वास उपस्थित रहे। प्रबंधन ने अपने वक्तव्य वक्तव्य में संसोधन की जरूरत नहीं पर अड़ी रही, जिससे कोई समझौता नहीं हो पाया। दोनों पक्ष की बात सुन सहायक श्रम आयुक्त ने इसे ऊपर कोर्ट भेजने का निर्णय दिया, जिसे झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने स्वीकार कर लिया। केंद्रीय अध्यक्ष रमा पाण्डे ने कहा कर्मचारी की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं। जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट भी जाने के लिए संगठन तैयार है।
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JMM के जिलाध्यक्ष के साथ झारखंड मजदूर संघर्ष संघ किरीबुरु के टीम ने चाईबासा सर्किट हाउस में मुलाकात की। सभी बातें सुनी और सरकार के समक्ष उठाने का वादा किया। स्थानीय लोगों की बहाली, सेल में स्थानीय को रोजगार पर चर्चा हुई।