सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भिलाई टाउनशिप के 4500 आवास लीज़-धारकों के लीज़-डीड के पंजीयन और नियमितीकरण के विषय में दुर्ग जिला पंजीयन कार्यालय, नगर निगम भिलाई और भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन की भूमिका अब तक स्पष्ट नहीं है। इसको लेकर लीज धारियों में काफी तनाव का माहौल है।
अब तक इस मामले से दूर रहने वाली भाजपा भी कूद पड़ी है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष संजय जे.दानी ने बीएसपी, निगम और दुर्ग प्रशासन से अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। नगरीय निकाय प्रकोष्ठ के प्रदेश सह-संयोजक व पूर्व नेताप्रतिपक्ष नगर पालिक निगम भिलाईनगर संजय दानी का कहना है कि वर्ष 2001 से वर्ष 2003 के बीच भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा 5 चरणों में लीज़ आवास योजना प्रारंभ की गयी, जो 20/22 सालों की अवधि की हो चुकी है।
इसके अंतर्गत भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा लगभग 4500 लीज़ आवास धारकों को लिखित पत्र/नोटिस के माध्यम से उन समस्त लीज़ धारकों के लीज़-डीड के पंजीयन हेतु दबाव डाला जा रहा है।
पूर्व नेताप्रतिपक्ष संजय दानी ने कहा कि लीज़ आवास योजना के माध्यम से जिन-जिन आवंटियों ने आवंटित आवास में मूल ढ़ाचा को परिवर्तित कर अतिरिक्त निर्माण कर लिया है, उन सभी लीज़ धारकों को जिला पंजीयन कार्यालय,नगर निगम भिलाई और भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा निर्धारित तय की गयी प्रक्रियाओं से गुजर कर ही आवासों के स्वामित्व के बारे में सोचना पड़ेगा।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष संजय दानी ने नगर निगम आयुक्त, जिला पंजीयक अधिकारी और महाप्रबंधक नगर सेवायें विभाग को आवास लीज़ योजना के संदर्भ में वास्तविक स्थिति और तकनीकी पहलुओं को स्पष्ट करने का आग्रह करते हुए कहा कि जिला पंजीयन अधिकारी उन समस्त आवास धारकों के लीज़ का पंजीयन 20/22 वर्ष पूर्व के स्टाम्प ड्यूटी की गणना के आधार पर करेगा या वर्तमान दर पर, इसे जिला पंजीयक अधिकारी स्पष्ट करें ये महत्वपूर्ण मुद्दा है।
वर्ष 2001 से लेकर वर्ष 2023 तक लीज़ डीड के पंजीयन की अंतर की राशि भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन व नगर निगम भिलाई वहन करे, क्योंकि पंजीयन से संबंधित विषय पर लीज़ धारकों की गलती नहीं है।
संजय दानी ने निगम आयुक्त से जानना चाहा कि लीज़ डीड के पंजीयन के पश्चात जिन-जिन लीज़ धारकों ने मूल ढांचे के अतिरिक्त निर्माण कर लिया है, उन आवास धारकों से निगम कितनी राशि अर्थदंड के रूप में लेगा इसे स्पष्ट करें और नियमितीकरण हेतु औसतन कितनी राशि उन 4500 आवास धारकों को देनी होगी।
संजय दानी ने उन समस्त आवास धारकों को आगाह करते हुए कहा कि निगम द्वारा निर्धारित यह राशि 1 लाख रुपए से 10 लाख रुपए हो सकती है। मतलब स्पष्ट है लीज़ डीड के पंजीयन के लिये अलग राशि नियमितीकरण के लिए निगम को अलग राशि स्वामित्व के लिए ली जाएगी।
बीएसपी के नगर सेवाएं का सर्कुलर और विवाद
भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाएं विभाग के महाप्रबंधक विजय शर्मा ने 14 फरवरी को एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें यह लिखा है।
(1) आवंटी द्वारा सेल-बीएसपी के सहमति के बिना नियमितीकरण का आवेदन नहीं किया जा सकता है।
(2) सेल-बीएसपी ऐसे सभी आवंटितों के विरुद्ध लीज़/लाइसेंस के नियम एवं शर्तों के अंतर्गत कार्यवाही करने के लिये पूर्णतया:स्वतंत्र है।
(3) आवंटी नियमितीकरण की कार्यवाही अपने जोखिम एवं लागत पर करेंगे।
(4) आवंटियों द्वारा की गई ऐसी कोई भी नियमितीकरण की कार्यवाही से सेल-बीएसपी पर बंधनकारी नहीं है।
जानिए क्या कहना है कि बीएसपी के विधि विभाग का
बीएसपी का विधिक अधिकारी भी कह रहा है कि नियमितीकरण की कार्यवाही की प्रक्रिया में निगम सीधे हस्तक्षेप नहीं करेगा, क्योंकि आवास लीज़ में एलाटमेंट समस्त आवास भिलाई इस्पात संयंत्र के स्वामित्व में है। उसमे जुर्माना व अर्थदंड निर्धारित करने का अधिकार भी प्रबंधन के पास सुरक्षित है,जबकि प्रबंधन को नियमितीकरण करने का अधिकार नहीं है, उसे निगम ही नियमित कर सकता है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने नगर निगम व बीएसपी प्रबंधन पर 4500 आवास लीज़ धारकों को गुमराह व दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे सेवानिवृत श्रमवीरों के साथ धोखा व छल कर रहे है। वास्तविक स्थिति से उन्हें दूर रखा जा रहा है।
audit objection पर क्या है स्थिति
पूर्व नेताप्रतिपक्ष संजय दानी ने दावा किया कि निश्चित रूप से जिला पंजीयक दुर्ग,नगर निगम भिलाई और नगर सेवायें विभाग द्वारा नियमितीकरण से संबंधित की जा रही प्रक्रिया में (audit objection) अंकेक्षण आपत्ति आना स्वाभाविक है। जिसे तीनों विभाग आवास धारकों से छिपा रहे है। इस गंभीर व संवेदनशील विषय पर audit diparment से विचार विमर्श नहीं किया गया। ये सारी प्रक्रिया राज्य सरकार के दबाव में सुनिश्चित की जा रही है, क्योंकि प्रबंधन बार-बार इस बात का उल्लेख पत्रों के माध्यम से कर रहा है कि नियमितीकरण और अर्थदंड से संबंधित विषय को हम सुनिश्चित करेंगे।
NOC को लेकर भी टेंशन का माहौल
संजय दानी ने इस बात को भी स्पष्ट किया कि अगर कोई आवास धारक निगम के माध्यम से नियमितीकरण की कार्यवाही करता है, तो उन आवास धारकों को प्रबंधन (NOC) अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं देगा। इस बात पर गंभीरतापूर्वक निर्णय लेने की आवश्यकता है। संजय दानी ने जिला पंजीयक से जानना चाहा कि आवास धारकों को स्टाम्प ड्यूटी के माध्यम से कितनी राशि देनी पड़ेगी।
इसे सार्वजनिक करें और निगम आयुक्त ये बतायें की 4500 आवास धारकों को अर्थदंड व नियमितीकरण की कितनी राशि निगम कोष में देनी होगी। इसका खुलासा अति आवश्यक है। इसके बाद ही उन समस्त आवास धारकों के लीज़ डीड के पंजीयन व नियमितीकरण के संदर्भ में नोटिस या पत्र लिखा जाए।
भिलाई नगर निगम पर भी उठ रहे सवाल, देना होगा जवाब
पूर्व नेताप्रतिपक्ष संजय दानी ने यह भी सवाल उठाया कि समस्त 4500 लीज़ धारक आज वर्तमान तक भिलाई इस्पात संयंत्र के स्वामित्व व आधिपत्य में है,तो निगम यह स्पष्ट करे कि किन नियमों व शर्तों के तहत जिन्होंने मूल संरचना के अतिरिक्त निर्माण कार्य कर लिया है, उसे किस आधार पर नियमित करेंगे। इसे निगम आयुक्त सार्वजनिक करे। जबकि प्रबंधन अपनी लिखित आपत्ति दर्ज करा चुका है। यह निश्चित रूप से सेवानिवृत श्रमवीरों के साथ धोखा देने का असफल प्रयास किया जा रहा है।
लीज़ आवास योजना में इस बात का भी स्पष्ट उल्लेख है कि सेल के कार्मिक एवं उनके वैधानिक उत्तराधिकारी ही विक्रय करने की पात्रता रखते हैं। पूर्व नेताप्रतिपक्ष ने बताया कि जिला पंजीयक द्वारा पूर्व में लीज़ डीड के पंजीयन की प्रक्रिया को पूर्व में मौखिक रूप से मना कर दिया था। फिर अचानक 22 वर्षों बाद इनकी सुध कैसे ली जा रही है, यह भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।