SAIL प्रबंधन किरीबुरू खदान में बायामेट्रिक पर फंसा, NJCS भी लपेटे में, ALC-RLC के पास ये रिपोर्ट

SAIL management stuck on biometric in Kiriburu mine, NJCS also in trouble, union sent letter to ALC-RLC
झारखंड मजदूर संघर्ष संघ का कहना है NJCS जब तक त्रिपक्षीय फोरम था फैसले होते थे, द्वियपक्षीय से मामला उलझ गया।
  • 1 अगस्त 2024 को लोक सभा में श्रम एवं रोज़गार राज्य मंत्री के दिए गए जवाब का भी जिक्र।

  • एएलसी और आरएलसी को यूनियन ने भेजा शिकायती पत्र।

सूचनाजी न्यूज, किरीबुरू। सेल बोकारो स्टील प्लांट के झारखंड ग्रप ऑफ माइंस में बायोमेट्रिक को कर विवाद गहराता जा रहा है। झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने सहायक श्रम आयुक्त केंद्रीय और क्षेत्रीय श्रम आयुक्त चाइबासा धनबाद को पत्र भेजकर स्टैंडिंग ऑर्डर के उल्लंघन का आराप लगाया है।

यूनियन का कहना है कि सेल प्रबंधन लगातार नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। बगैर स्टैंडिंग ऑर्डर में बदलाव किए ही बायोमेट्रिक को लागू किया गया है। सेल के भिलाई स्टील प्लांट, बोकारो स्टील प्लांट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
महामंत्री राजेंद्र सेंद्रिया की ओर से लिखे गए पत्र में नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इंडस्ट्री-एनजेसीएस पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आरोपों को बिंदुवार समझिए।

NJCS एक पंजीकृत संस्था नहीं

महामंत्री राजेंद्र सेंद्रिया का कहना है कि NJCS एक पंजीकृत संस्था नहीं है। फोरम का ना तो कोई TAN नंबर है। ना ही PAN नंबर है। इसलिए SBI नई दिल्ली शाखा ने इनके खाता को प्रतिबंध लगाते हुए Freez कर दिया है। NJCS के 234वीं बैठक में Items No. 5a. से यह सूचना प्राप्त होता है। परिणाम स्वरुप NJCS की बैधता और समझौता की बैधनिकता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।

मुख्य श्रम आयुक्त (केन्दीय) अब नहीं बैठते बैठक में

प्रबंधन का कहना है NJCS, एक द्वियपक्षीय मंच है। NJCS मंच जब तक त्रिपक्षीय फोरम था, सभी समझौता नियम अधिनियम के तहत होता था। क्योंकि इसमें मुख्य श्रम आयुक्त (केन्दीय) नई दिल्ली बैठते थे। जब से द्वियपक्षीय हुआ है, कोई भी सहमति अथवा समझौता और सभी निर्णय न्याय संगत नहीं होता है? सभी नियम, अधिनियम को नजर में रखते हुए, दोनों पक्ष कोई भी निर्णय नहीं लेते हैं।

श्रम एवं रोज़गार राज्य मंत्री का जवाब

1 अगस्त 2024 को लोक सभा में श्रम एवं रोज़गार राज्य मंत्री जी को पूछे गए सवाल, देश में औद्योगिक संबंध बनाए रखने में सरकार की भूमिका में कहा गया है कि सरकार तीन अधिनियम के माध्यम से देश में सौहार्दपूर्णऔद्योगिक संबंध बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह तीनअधिनियम निम्न प्रकार है।
1 औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947
2 ट्रेड यूनियन अधिनियम 1926 और
3 औद्योगिक रोजगार स्टैंडिंग आर्डर अधिनियम 1946 (कॉपी संग्लग्न – A/7)
तीनों अधिनियम NJCS forum के पांचों घटक दल (INTUC, AITUC, CITU, HMS. & BMS) एवं सेल प्रबंधन नज़र अंदाज कर नहीं सकते है।

सेल के अधिकार क्षेत्र में न होने का दावा

स्थाई आदेश में जोड़ना या घटाना अथवा संशोधन करना प्रमाणन अधिकारी के दायरे में आता है। सेल अथवा अन्य कोई नियोक्ता इस में बदलाव नहीं कर सकते है। अर्थात बायोमेट्रिक से उपस्थिति प्रणाली को किरीबुरू खदान के स्थाई आदेश में शंशोधन कर कानून बनाना प्रमाणन अधिकारी के दायरे में है। सेल प्रबंधन स्वयं इसे परिवर्तन नहीं कर सकता। और अधिनियम का किसी खण्ड में उल्लेख भी नहीं है, की नियोक्ता को यह अधिकार प्राप्त है।