
- ई जीरो परीक्षा में डिप्लोमा इंजिनीर्स के अनुभव के अंको की गिनती ज्वाइनिंग डेट से की जानी चाहिए।
- वर्तमान में सेल के डिप्लोमा इंजीनियर्स को ज्वाइनिंग के 16 वर्षों के बाद ऑफिसर परीक्षा की पात्रता दी जा रही है।
सूचनाजी न्यूज, बोकारो। बोकारो इस्पात डिप्लोमाधारी कामगार यूनियन बीडू (Bokaro Steel Diploma Holders Union BIDU) का प्रतिनिधिमंडल बोकारो स्टील प्लांट के महाप्रबन्धक प्रभारी (मानव संसाधन) वीएम बक्शी एवं महाप्रबंधक (औद्योगिक संबंध) प्रभाकर कुमार की उपस्थिति में बीएसएल के नए CGM HR एके शरण से मिला। साथ ही उनको डिप्लोमा इंजीनियर्स के प्रमुख मुद्दों से अवगत कराया गया।
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यूनियन के महामंत्री संदीप कुमार ने कहा कि वर्तमान समय में बीएसएल के विभिन्न विभागों के उत्पादन एवम लक्ष्य प्राप्ति में डिप्लोमा इंजीनियर्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पूर्व में जब डिप्लोमा इंजीनियर्स की बहाली S6 ग्रेड में होती थी, उस समय डिप्लोमा इंजीनियर को S8 ग्रेड के बाद 5 वर्ष का अनुभव होने पर यानी कि परमानेंट होने के तेरह वर्षों के बाद जूनियर ऑफिसर में प्रोमोशन के लिए ई जीरो परीक्षा की पात्रता दी जाती थी।
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लेकिन वर्तमान में डिप्लोमा इंजीनियर्स को S3 ग्रेड में ज्वाइन कराया जा रहा है, उसके बाद उनको S6 ग्रेड में 5 वर्ष का अनुभव होने पर ई जीरो परीक्षा की पात्रता दी जा रही है। यानी कि वर्तमान में डिप्लोमा इंजीनियर्स (Diploma Engineers) को ज्वाइनिंग के 16 वर्षों के बाद ऑफिसर परीक्षा की पात्रता दी जा रही है।
इसलिए डिप्लोमा इंजीनियर्स के फ्यूचर ग्रोथ को देखते हुए इसमें बदलाव करते हुए डिप्लोमा इंजीनियर्स (Diploma Engineers) को S6 ग्रेड में पहुंचते ही ई जीरो परीक्षा की पात्रता दी जानी चाहिए। यूनियन अध्यक्ष रविशंकर ने कहा कि वर्तमान की ई जीरो प्रोमोशन पालिसी के अनुसार जिस प्रकार से अनुभव के अंको की गिनती की जाती है, वो डिप्लोमा इंजीनियर्स के लिए बहुत ही नुकसान दायक है। इसलिए ई जीरो परीक्षा में डिप्लोमा इंजिनीर्स के अनुभव के अंको की गिनती ज्वाइनिंग डेट से की जानी चाहिए।
इसके साथ ही कर्मचारियों के नए पदनाम को जल्द से जल्द अपडेट किया जाना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में बीडू अध्यक्ष रविशंकर, महामंत्री संदीप कुमार, संयुक्त महामंत्री प्रेमनाथ, कोषाध्यक्ष सोनू शाह, संजय, राकेश कुमार, संटू कुमार उपस्थित रहे।