SAIL खदान कर्मियों की लड़ाई में कूदे पूर्व CM मधु कोड़ा, ठप होगा खदान व Bokaro Steel Plant का प्रोडक्शन

  • INTUC, AUTUC, CITU, HMS, झारखंड मजदूर संघ, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड मजदूर संघर्ष संघ, सारंडा मजदूर यूनियन, ठेका श्रमिक संघ के शामिल।

सूचनाजी न्यूज, झारखंड। सेल (SAIL) के खदान कर्मचारियों (Mining Employees) के लिए यह खबर खास है। खदान कर्मचारियों (Mining Employees) की समस्याओं और स्थानीय को रोजगार से वंचित करने की पॉलिसी (Policy) के खिलाफ एकजुटता में अब झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा का साथ मिल गया है। एक साथ आंदोलन शुरू करने और प्रबंधन से बात मनवाने की कोशिश की जाएगी। अगर, कामयाबी नहीं मिली तो झारंखड में आयरन ओर का उत्पादन ठप कर दिया जाएगा, जिससे बोकारो स्टील प्लांट पर सीधा असर होगा।

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झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस (Jharkhand Group of Mines) के तमाम श्रमिक संगठनों की एक विशेष बैठक गुआ खदान (Gua Mine) के क्लब में हुईl किरीबुरु, मेघाहाताबुरु, गुआ, चिडिया खदान के तमाम श्रमिक संगठन  INTUC, AUTUC, CITU, HMS, झारखंड मजदूर संघ, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड मजदूर संघर्ष संघ, सारंडा मजदूर यूनियन, ठेका श्रमिक संघ आदि के नेताओं की बैठक पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की अगवाई में हुईl

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बैठक में खदानों में हो रही तमाम समस्यायों पर चर्चा हुईl RMD से टूट कर बोकारो में जाने के पश्चात श्रमिकों की हालात दिन ब दिन बदतर होने का आरोप लगाया गया। खदानों में बहाली बंद कर तमाम कार्य MDO के माध्यम से करवाने का प्रयास किया जाने पर चर्चा की गई।

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सभी सुविधाओं की कटौतीl श्रमिक संगठनों (Labor Organizations) से बातचीत किए बिना नई-नई शोषणतमक योजना लागू की जा रही हैl विचार-विमर्श के लिए ना तो बुलाया जा रहा है ना ही उच्चाधिकारी आ रहे हैंl श्रम कानून (Labor Law) का उल्लंघन कर खदानों मे कार्य कराया जा रहा हैl वेज रिविजन (Wage Revision) ना तो पूर्ण किया जा रहा है। ना ही रात्रि पाली भत्ता की कोई बात हो रही हैl

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दासा, दूरस्थ दुर्गम इलाका में कार्य करने वाले कर्मचारीयों को जो विशेष भत्ता सरकार ने देने का आदेश दिया है, उसमे भी कटौती कर भुगतान किया ज रहा हैl सरकार द्वारा दी जा रही यह दासा को बंद करने अथवा परिवर्तन करने का कार्य सिर्फ केंद्र सरकार का है, पर सेल प्रबंधन कर्मचारीयों के दासा में कटौती कर सरकार द्वारा दिये जाने वाले आदेश का उल्लंघन कर रही हैl

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श्रमिक नेताओं ने कहा-DPE Guidline में वर्णित धारा DOE ministry of finance खण्ड 8 के अनुसार कर्मचारियों को 10%   दासा भुगतान करने की अनुमति है। लेकिन प्रबंधन कटौती कर 8% भुगतान कर रही हैl सेल प्रबंधन ना तो सरकार के आदेश का सम्मान कर रही है, ना ही श्रम कानून काl
यूनियनों ने प्रबंधन को चेतावनी दिया है कि जरूरत पड़ी तो बोकारो की चिमनी का धुआं बंद कर दिया जाएगा। झारखंड ग्रुप ऑफ माइंस् के चारों खदानों में चक्का-जाम करने की बात भी की गई है। खदानों में MDO प्रथा प्रचलन बंद करने, श्रमिकों का शोषण बंद करने की आवाज उठी।

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यूनियन नेताओं ने वेज रिविजन (wage revision) जल्द से जल्द पूर्ण करने, एरियर का भुगतान, दासा का भुगतान, अस्पताल में सुधार, डॉक्टरों की नियुक्ति के साथ-साथ खदानों में कर्मचारीयों की बहाली की मांग की गई।  कहा-ठेका प्रथा से सेल या देश को नहीं अधिकारियों को लाभ हो रहा है। सभी श्रमिक संगठनों ने आज की बैठक मे हाथ मिलाया और अगली बैठक किरीबुरु, मेघाहाताबुरु में करने पर सहमति बनी।