
भिलाई स्टील प्लांट में अगर कोई बांग्लादेशी है तो उसे पकड़ा जा सके। इसलिए सभी लोगों के साथ विचार-विमर्श किया गया। हर कोई अलर्ट रहे।
सूचनाजी न्यूज, भिलाई। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ी तनातनी के बाद हर तरफ सतर्कता बढ़ा दी गई है। बांग्लादेशी नागरिकों पर नजर रखी जा रही है। दुर्ग जिले के एसएसपी विजय अग्रवाल ने भिलाई स्टील प्लांट के अंदर काम करने वाले मजदूरों का वैरिफिकेशन कराने का आदेश दिया है। सीआइएसएफ के साथ मीटिंग हो चुकी है।
बीएसपी प्रबंधन के साथ जल्द उच्च स्तरीय मीटिंग होगी। तमाम विषयों को लेकर बुधवार को पुलिस कंट्रोल रूम में भिलाई स्टील प्लांट के आफिसर्स एसोसिएशन, डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन और ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग हुई। पुलिस ने अपना एजेंडा सामने रखा और पदाधिकारियों से फीडबैक लिया।
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बांग्लादेशी नागरिकों के धर-पकड़ के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाया गया है। पुलिस ने ये जानकारी दी कि अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लोदेशी कोलकाता, दिल्ली आदि राज्यों में अपना आधार कार्ड का पता बदलकर दूसरे राज्यों में आराम से रहना शुरू कर देते हैं। जबकि पश्चिम बंगाल के लोगों की भाषा और बांग्लादेश के रहने वालों की बंगाली में अंतर है।
यह आसानी से पकड़ में आ जाती है। पुलिस फोन नंबर आदि को भी ट्रेस कर रही है। मकसद यह है कि भिलाई स्टील प्लांट में अगर कोई बांग्लादेशी है तो उसे पकड़ा जा सके। इसलिए सभी लोगों के साथ विचार-विमर्श किया गया। हर कोई अलर्ट रहे।
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ठेका यूनियन हिटसू के महासचिव योगेश सोनी ने कहा-ठेका मजदूरों की बीएसपी में संख्या करीब 30 हजार के आसपास है। लेकिन, करीब 6 हजार मजदूर ऐसे हैं, जो फर्जी हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। बैठक में यातायात व्यवस्था का मुद्दा भी उठा।
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राजेश शर्मा ने बोरिया गेट से सीमेंट चौक तक नो इंट्री में ट्रकों की आवाजाही पर नाराजगी जाहिर की। पुलिस चौकी बनी है, लेकिन इस पर ताला लगा रहता है। वहीं, बाहरी गाड़ियों से चंदा वसूली का मुद्दा भी उठाया गया।
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