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SAIL कर्मचारियों का 39 माह का बकाया एरियर, NJCS, EPS 95 और EPFO पर SWFI ने लिया यह फैसला

SAIL कर्मचारियों का 39 माह का बकाया एरियर, NJCS, EPS 95 और EPFO पर SWFI ने लिया यह फैसला
  • वेतन समझौता का 39 माह के एरियर्स के विषय पर प्रबंधन द्वारा अब तक स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त नहीं किए जाने पर चर्चा हुआ। यह निर्णय लिया गया कि एनजेसीएस के अगले बैठक में सभी यूनियनों के साथ मिलकर पहले इस विषय का निराकरण किया जाएगा।

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (इस्पात उद्योग में सीटू संबद्ध यूनियन का संगठन) की दो दिवसीय बैठक बुधवार और गुरुवार को कोलकाता स्थित श्रमिक भवन में संपन्न हुई। बैठक में इस्पात कर्मियों के ज्वलंत समस्याओं पर गंभीर चिंतन हुआ।

39 माह के एरियर्स मामले प्रबंधन स्पष्ट करें अपना रूख
वेतन समझौता का 39 माह के एरियर्स के विषय पर प्रबंधन द्वारा अब तक स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त नहीं किए जाने पर चर्चा हुआ। यह निर्णय लिया गया कि एनजेसीएस के अगले बैठक में सभी यूनियनों के साथ मिलकर पहले इस विषय का निराकरण किया जाएगा।

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फेडरेशन का इस मामले में स्पष्ट मत है कि 39 माह का एरियर्स सिर्फ एक राशि नहीं है बल्कि यह एक सैद्धांतिक विषय है, जिस पर यह तय होगा कि 1/1/2017 से सितंबर 2021 सेवानिवृत्त हुवे साथियों को वेतन समझौते का लाभ मिलेगा या नहीं?

ग्रेच्युटी मामले में प्रबंधन का पूर्व बयान प्रबंधन के खिलाफ
ग्रेच्युटी मामले पर चर्चा के दौरान यह बताया गया कि इसके पूर्व अधिकारियों द्वारा सेल कर्मियों के तर्ज पर असीमित ग्रेच्युटी हेतु प्रकरण दायर किया गया था। उस समय सेल प्रबंधन द्वारा न्यायालय में यह जवाब दिया गया था कि सेल कर्मियों को मिलने वाला असीमित ग्रेच्युटी एनजेसीएस समझौते का परिणाम है।

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समझौते को बदले बिना कर्मचारियों के ग्रेच्युटी को सीमित नहीं किया जा सकता है। प्रबंधन द्वारा पूर्व में न्यायालय के समक्ष दिया गया यह बयान, हमें ग्रेच्युटी कटौती के खिलाफ दायर की गई परिवाद में मदद करेगा।

दावा प्रकरण दायर करने में यूनियन द्वारा किया जाएगा मदद
बैठक में यह तय हुआ कि जिस तरह भिलाई में सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा बकाया ग्रेच्युटी को लेकर दावा प्रकरण दायर किया जा रहा है, उसी तरह से सेल के अन्य इकाईयों के सेवानिवृत्त कर्मचारी भी दावा प्रकरण दायर करेंगे और संबंधित इकाई का सीटू नेतृत्व इसमें मदद करेगा।

जमा की जाने वाली राशि के साथ ईपीएफओ से पेंशन के रूप में मिलने वाली राशि की भी जानकारी मिले
सभी इकाई के प्रतिनिधियों ने इस विषय को उठाया कि ईपीएफओ द्वारा उच्च पेंशन हेतु बकाया अंशदान जमा करने के साथ-साथ पेंशन के रूप में मिलने वाली राशि की भी जानकारी दी जाए तभी कर्मियों के लिए उच्च पेंशन हेतु बकाया अंशदान जमा करने या नहीं करने का निर्णय लेना आसान होगा।

ठेका श्रमिकों की नियुक्ति पर ठोस नीति बने
बैठक में यह निर्णय भी हुआ कि प्रबंधन से ठेका कर्मियों की नियुक्ति को लेकर ठोस नीति बनाने की मांग की जाएगी। आज सेल में अंधाधुंध लचर ठेका प्रणाली के तहत ठेका कर्मियों की नियुक्ति हो रही है, जिससे ना केवल ठेकेदारों द्वारा अधिकारियों के शय पर ठेका कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है, बल्कि उचित प्रशिक्षण के बिना किसी भी कार्य में किसी भी ठेका कर्मी की नियुक्ति से संयंत्र के भीतर अराजकता और असुरक्षा का वातावरण लगातार बढ़ता जा रहा है।

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि प्रबंधन से ठेका कर्मियों के लिए एक ठोस ठेका नीति बनाने की मांग की जाएगी एवं ठेका कर्मियों का जो भी वेतन समझौता होगा वह उनके मूल वेतन में वृद्धि के रूप में होना चाहिए।

युवा कर्मियों के मुद्दों पर हुई विशेष चर्चा
बैठक में इस बात पर पुनः गहन चर्चा हुई कि 13% एमजीबी और 26.5 % फर्क्स के साथ दस वर्षीय वेतन समझौता से सबसे ज्यादा घाटा युवा कर्मियों को होगा। इसलिए इस घाटे की भरपाई के लिए दो अतिरिक्त इंक्रीमेंट की मांग पर बल देना है और अन्य यूनियनों से भी इस मांग का समर्थन करने का आग्रह करना है।

सेल पेंशन के लिए प्रबंधन के अंशदान को एनपीएस में भेजे जाने पर
चर्चा के दौरान यह बात भी उठा कि सेल पेंशन में प्रबंधन के अंशदान को एनपीएस में भेजने का निर्णय सेल पेंशन ट्रस्ट द्वारा ले लिया गया है। सीटू का इस मामले में कड़ा विरोध था, क्योंकि वर्ष 2014 में एनजेसीएस समझौता में जब पेंशन पर समझौता हुआ था तब ऐसी कोई शर्त नहीं थी, और सीटू का यह स्पष्ट मानना था कि कर्मियों को एन्यूटि योजना चुनने का अधिकार मिलना चाहिए।

किंतु सेल पेंशन ट्रस्ट द्वारा सीटू प्रतिनिधि के विरोध के बावजूद बहुमत से यह निर्णय ले लिया गया है कि प्रबंधन के अंशदान को एनपीएस में भेजा जाएगा। अतः सभी इकाइयों में चर्चा करने के पश्चात फेडरेशन की अगली बैठक में यह निर्णय लिया जाएगा कि अब जिन साथियों ने अपना प्राण नंबर नहीं बनाया है उन्हें क्या करना है।