- भारत के 140 करोड़ से अधिक नागरिकों को राहत प्रदान करने के लिए, केंद्र सरकार खुले बाजार में 50 एलएमटी गेहूं और 25 एलएमटी चावल उपलब्ध कराएगी।
- केंद्र ने चावल के आरक्षित मूल्य में 200 रुपये प्रति क्विंटल की कमी की है।
- और प्रभावी मूल्य 2900 रुपये प्रति क्विंटल होगा।
- केंद्र सरकार बाजार मूल्य को कम करने और खाद्य महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए प्रतिबद्ध है
सूचनाजी न्यूज, दिल्ली। भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ई-नीलामी के माध्यम से बिक्री के लिए खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) [ओएमएसएस (डी)] के तहत 50 एलएमटी गेहूं और 25 एलएमटी चावल चरणबद्ध तरीके से खुले बाजार में उपलब्ध कराएगा।
एफसीआई द्वारा चावल की पिछली 5 ई-नीलामी के अनुभव को ध्यान में रखते हुए, यह निर्णय लिया गया है कि आरक्षित मूल्य में 200 रुपये/क्विंटल की कमी की जाएगी और प्रभावी मूल्य अब 2900 रुपये/क्विंटल होगा। आरक्षित मूल्य में होने वाली कमी की लागत, उपभोक्ता कार्य विभाग के मूल्य स्थिरीकरण कोष से वहन की जाएगी।
7 अगस्त तक एक साल में गेहूं की कीमतें खुदरा बाजार में 6.77 प्रतिशत और थोक बाजार में 7.37 प्रतिशत बढ़ गई हैं। इसी तरह, चावल की कीमतों में खुदरा बाजार में 10.63 प्रतिशत और थोक बाजार में 11.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
देश के 140 करोड़ से अधिक नागरिकों के हित को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने उपलब्धता बढ़ाने, बाजार की कीमतों में वृद्धि को कम करने तथा खाद्य महंगाई दर को नियंत्रित करने के लिए ओएमएसएस (डी) के तहत निजी कंपनियों को गेहूं और चावल की पेशकश करने का निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार 1 जनवरी, 2023 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के तहत अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप एनएफएसए लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार निःशुल्क खाद्यान्न भी उपलब्ध करा रही है।
ओएमएसएस (डी) के तहत स्टॉक को समय-समय पर विभिन्न उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उपलब्ध कराया जाता है।
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इस उद्देश्यों में शामिल हैं-अतिरिक्त स्टॉक का निपटान, खाद्यान्न की ढुलाई लागत को कम करना, गैर-मौसम की अवधि में और आपूर्ति की कमी वाले क्षेत्रों में खाद्यान्न की आपूर्ति बढ़ाना और बाजार की कीमतों में कमी लाना शामिल है। कैलेंडर वर्ष 2023 में एफसीआई के माध्यम से भारत सरकार निर्धारित आरक्षित कीमतों पर चरणबद्ध तरीके से गेहूं और चावल उपलब्ध करा रही है।