केंद्रीय बजट 2025-26: छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ़ कॉमर्स ने मंत्री से तारीफ की, पर जीएसटी, रिटर्न पर ये मांग

Union Budget 2025-26: Chhattisgarh Chamber of Commerce praised the Minister, but made this demand on GST, returns
प्रह्लाद जोशी केन्द्रीय मंत्री (केन्द्रीय उपभोक्त मामले, खाद्य एवं सार्वजानिक वितरण तथा नवीन एवं नवीनीकरण उर्जा) से मिले व्यापारी।
  • ‘विकसित भारत 2047 के लक्ष्य पर केंद्रित होने का साथ-साथ विकासोन्मुख है: अजय भसीन

सूचनाजी न्यूज, भिलाई। छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ़ कॉमर्स (Chhattisgarh Chamber of Commerce) के प्रतिनिधि मंडल ने बुद्धिजीवी सम्मलेन में केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को बजट 2025 में लाए गए प्रावधानों से संबंधित सुझाव के सम्बन्ध में ज्ञापन सौंपा।

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महामंत्री अजय भसीन ने बताया कि आज एक निजी होटल में आयोजित केन्द्रीय बजट 2025-26 बुद्धिजीवी सम्मलेन में चेंबर प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ। सम्मलेन में मुख्य वक्ता प्रह्लाद जोशी केन्द्रीय मंत्री (केन्द्रीय उपभोक्त मामले, खाद्य एवं सार्वजानिक वितरण तथा नवीन एवं नवीनीकरण उर्जा) को चेंबर प्रतिनिधी मंडल द्वारा बजट 2025 में लाए गए प्रावधानों से संबंधित सुझाव के सम्बन्ध में ज्ञापन सौंपा।

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सम्मलेन में चेंबर ने ऐतिहासिक केन्द्रीय बजट का स्वागत करते हुए अजय भसीन ने बताया कि केंद्रीय बजट 2025-26 ‘विकसित भारत 2047 के लक्ष्य पर केंद्रित होने का साथ-साथ विकासोन्मुख है। प्रस्तुत दूरदर्शी बजट 2025-26 के लिए छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज प्रदेश के 12 लाख व्यापारियों के ओर से आभार व्यक्त करते हैं, जिसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) क्षेत्र पर जोर दिया गया है।

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भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विकास का दूसरा इंजन। यह समग्र विकास, आर्थिक विकास और सशक्तीकरण पर सराहनीय फोकस के साथ “विकसित भारत” की दिशा में एक व्यापक रोडमैप को दर्शाता है।

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व्यापार एवं उद्योग के साथ गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी एवं वरिष्ठ नागरिकों पर आधारित यह एक संतुलित बजट है। प्रस्तुत बजट “विजन 2047 समृद्ध भारत” की ओर ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है।

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साथ ही चेंबर ने बजट 2025 में लाए गए प्रावधानों से संबंधित सुझाव निम्नलिखित हैं

1. जीएसटी मामलों में जुर्माना लगाने के लिए बजट में एक प्रस्ताव जैसे की अपील दायर करने के लिए पूर्व शर्त के रूप में जुर्माने का 10% जमा करने का प्रस्ताव को पहले की तरह यथावत रखा जाए।

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2. अद्यतन रिटर्न:- अद्यतन रिटर्न से सम्बंधित नियम के अंतर्गत पेनाल्टी की राशि को कम किया जाना चाहिए, जिससे ज्यादा से ज्यादा अनुपालन होंगे और विवाद भी कम हो।

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3. धारा 34 (क्रेडिट नोट्स) में संशोधन: आपूर्तिकर्ताओं के क्रेडिट नोट्स की निगरानी के लिए प्राप्तकर्ताओं पर एक अतिरिक्त अनुपालन जिम्मेदारी डालता है। वर्तमान में, ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिसके माध्यम से कोई आपूर्तिकर्ता यह जांच सके कि प्राप्तकर्ता ने अपना आईटीसी वापस कर दिया है या नहीं और इसलिए, यह सुलह प्रक्रिया को जटिल बनाता है और अनजाने में त्रुटियां हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप भविष्य में विवाद और दंड के कारण अतिरिक्त मुकदमेबाजी हो सकती है अतः इस प्रावधान को हटाया जाए।

उपरोक्त सुझावों पर केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी जी ने सकारात्मकता दिखाते उहे उचित कदम उठाने की बात कही।

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